जेएस विश्वविद्यालय ने मनाया तृतीय दीक्षांत समारोहl

लगभग 600 विद्यार्थियों को वांटी डिग्री व गोल्ड, रजत, कांस्य पदक

भास्कर समाचार सेवा

शिकोहाबाद । नगर के मैनपुरी रोड स्थित जे एस विश्वविद्यालय में शनिवार को तृतीय दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि मुख्य न्यायाधीश उत्तराखंड हाई कोर्ट के विपिन सांघी एवं विशिष्ट अतिथि कुलाधिपति हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रोफेसर हरमहेंद्र सिंह बेदी,भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर आशु रानी रहीं, समारोह की अध्यक्षता जेएस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ सुकेश यादव ने की, वही विश्वविद्यालय द्वारा सभी अतिथियों को प्रतीक चिन्ह एवं विश्वविद्यालय का पटका पहना कर सम्मानित किया गया, अतिथियों ने संम्वोधन मे कहा विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में कार्यक्रम में सम्मिलित होकर मुझे अपार प्रसन्नता हो रही है. सर्वप्रथम मैं उपाधि ग्रहण करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं. साथ ही साथ उन शिक्षकों एवं अभिभावकों को भी बधाई देता हूं जिनके कारण उन्होंने ये उपलब्धि हासिल की है. हमारा प्रयास है कि राज्य के अधिक से अधिक युवा वर्ग उच्च शिक्षा ग्रहण करें, चाहे वो किसी भी वर्ग के हो। ज्ञान हासिल करने में जाति, धर्म व वर्ग कभी भी बाधक न बने. शिक्षा से ही लोगों में जागृति आ सकती है तथा सामाजिक कुरीतियों का पूरी तरह से अंत हो सकता है. ज्ञान और तकनीक आधारित इस युग में विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होना चाहिए. आज का युग प्रतियोगिता का युग है और इस युग में कक्षा में सीखे ज्ञान की सार्थकता, उसके सामाजिक प्रतिफलन में है. हमारे शिक्षण संस्थानों की यह कोशिश होनी चाहिए कि विद्यार्थी एक सामाजिक, सु-संस्कृत और कुशल नागरिक के रूप में विकसित हों. वे नैतिकवान एवं चरित्रवान हों. ऐसे नागरिक निश्चित रूप से देश और समाज के लिए अमूल्य संपदा सिद्ध होंगे. इन अर्थों में देखें तो दीक्षांत समारोह शिक्षा का समापन नहीं, बल्कि आरम्भ होता है । कुलाधिपति डॉ सुकेश यादव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज आप उपाधि ग्रहण कर रहे हैं. केवल उपाधि हासिल करना ही सिर्फ आपके जीवन का मकसद नहीं होना चाहिए. अब आप यहां से जीवन के कर्म-क्षेत्र में प्रवेश करेंगे, जहां आपको अपनी क्षमता एवं प्रतिभा से अपनी सही पहचान स्थापित करनी है. आप लोगों को अपने कैरियर का चयन करना है और इसमें सफलता के लिए एक अनुशासित जीवन अति आवश्यक है | आप कभी भी अपने-आपको कमजोर न समझें हमेशा मजबूत इरादों के साथ लक्ष्य प्राप्ति हेतु निरंतर आगे बढ़ें और अपनी प्रतिभा का ऐसा परचम लहरायें कि आपको यह विश्वविद्यालय ही नहीं, बल्कि पूरा राज्य और देश एक आदर्श उदाहरण के रूप में देखे. विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा के इन आदर्शों को आत्मसात कर आगे बढ़ने का प्रयत्न करना चाहिये, यह समाज एवं राष्ट्रहित में नितांत आवश्यक है. व्यक्ति का सर्वांगीण विकास शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है. एक पूर्ण और बेहतर जीवन भी इसके स्पष्ट लाभों में से एक है. शिक्षा में समग्र रूप से समाज को लाभान्वित करने की क्षमता है. ऐसे समाज में लोग अपने अधिकारों और दायित्वों के प्रति जागरूक होते हैं | वही विश्वविद्यालय की मैनेजिंग डायरेक्टर डायरेक्टर डॉ गौरव यादव ने बताया दीक्षांत समारोह में पीएचडी एवं परास्नातक की उपाधि सहित लगभग 600 विद्यार्थियों को डिग्री एवं गोल्ड, रजत, काश्य मेडल देकर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर विश्वविद्यालय का समस्त परिवार उपस्थित था ।

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