लियाकत मंसूरी
मेरठ। रमजान माह के पहले शुक्रवार को मस्जिदों में रोजेदारों के भीड़ उमड़ पड़ी। अकीदत के साथ जुमे की नमाज अदा की गई। नमाज से पूर्व उलमा-ए-इकराम ने रोजे पर प्रकाश डाला और रमजान की फजीलत पर रोशनी डाली। बताया कैसे नबी व सहाबा गर्मी की तपती धूप में रोजा रखते थे।
बतादे कि शहर के मुस्लिम इलाके रमजान माह में गुलजार हो रहे हैं। दिन में बंद रहने वाले होटल पूरी रात खुल रहे हैं। रमजान माह के पहले शुक्रवार को जुमे की नमाज रोजेदारों ने अकीदत के साथ अदा की। सुबह से ही रोजेदारों ने जुमे की नमाज की तैयारियां शुरू कर दी। अमूमन रोजेदार पांचों वक्त की नमाज अदा कर रहा है और मस्जिदें नमाजियों से भरी पढ़ी हैं। रमजान माह में जुमे की अलग अहमियत है। घंटाघर, जली कोठी, पूर्वा फैयाज अली, पूर्वा इलाही, इमलियान, लिसाड़ी रोड, श्याम नगर, अहमद नगर, इस्लामाबाद, जाकिर कॉलोनी, ढवाई नगर, जैदी फार्म आदि मुस्लिम इलाकों में जुमे की नमाज मस्जिदों में बड़ी अकीदत के साथ पढ़ी गई। नमाज से पूर्व उलेमाओं ने रोजे की अहमियत के बारे में बताया। नमाज के बाद दुनिया में अमनो अमान की दुआं की गई।
दो साल बाद मस्जिदों में उमड़े रोजेदार
दो साल बाद शुक्रवार को मस्जिदों में भारी भीड़ रही। 2020 और 2021 के रमजान लॉकडाउन के बीच आए थे, कोरोना के कारण लोगों ने घरों में रहकर ही इबादत की थी। जुमा की नमाज भी घरों पर रहकर ही पढ़ी गई थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है, कोरोना की पाबंदी न होने के कारण पहले जुमे को मस्जिदों में काफी रोजेदार रहें। इस दौरान उलमाओं ने भी देश व दुनिया में शांति व अमन की दुआं की।
नमाज से पहले पुलिस ने किया पैदल मार्च
जुमे की नमाज से पूर्व पुलिस ने शहर में पैदल मार्च किया। खुद एडीजी जोन व आईजी रेंज ने सड़क पर उतरकर शांति व कानून व्यवस्था को संभाला। इस दौरान एसएसपी भी साथ रहें। अफसरों ने बेगमपुल सहित कई स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को परखा।
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