
मुंबई : के सेरा सेरा बॉक्स ऑफिस ने करिश्मा और मिश्रा परिवार के सदस्यों, जिनमें पार्वती मिश्रा, नुनुपति देवी मिश्रा और राजू तिवारी शामिल हैं, के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है। कंपनी ने अंबोली पुलिस स्टेशन में एक आधिकारिक प्राथमिकी (एफआईआर संख्या: 0265/2025) दर्ज कराई है, जिसमें आपराधिक साजिश, वित्तीय धोखाधड़ी, जालसाजी, मानहानि और कंपनी नेतृत्व को बार-बार धमकाने के आरोप लगाए गए हैं।
करिश्मा, जो पहले के सेरा सेरा में वर्चुअल हेड और डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थीं, को योजनाबद्ध तरीके से अभिषेक मिश्रा द्वारा प्रभावित किया गया। अभिषेक ने सोशल मीडिया के माध्यम से करिश्मा का विश्वास जीतकर उनसे नजदीकी बढ़ाई और फिर उन्हें अपने परिवार से मिलवाया, विशेष रूप से अपने पिता अनिल मिश्रा से, जो पहले से ही वित्तीय घोटालों और धोखाधड़ी के लिए कुख्यात हैं। मिश्रा परिवार का उद्देश्य करिश्मा का इस्तेमाल एक मोहरे की तरह करके के सेरा सेरा के संचालन में दखल देना और इसकी वित्तीय संपत्तियों का दुरुपयोग कर अपने स्वार्थी और भ्रामक दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड को बढ़ावा देना था।
के सेरा सेरा का आधिकारिक बयान
के सेरा सेरा के चेयरमैन श्री सतीश पंचारिया ने इस मामले पर कड़ा बयान जारी करते हुए मिश्रा परिवार की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा,
“मिश्रा परिवार ने एक योजनाबद्ध धोखाधड़ी को अंजाम देने की साजिश रची, जिसमें उन्होंने करिश्मा को निशाना बनाकर उनके पद का दुरुपयोग किया और कंपनी की वित्तीय संपत्तियों को हड़पने की कोशिश की। उनका असली मकसद व्यापारिक सफलता नहीं, बल्कि वित्तीय गबन और धोखाधड़ी था। उन्होंने के सेरा सेरा की साख को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन हम इस तरह की आपराधिक गतिविधियों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
हमारी कंपनी पारदर्शिता, विश्वास और नैतिक व्यावसायिक सिद्धांतों पर चलती है, लेकिन इन लोगों ने इन मूल्यों को ठेस पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने न केवल करिश्मा के पद का दुरुपयोग किया, बल्कि मेरे खिलाफ धमकी, ब्लैकमेल और झूठे मानहानिकारक आरोप भी लगाए। जब उनकी वित्तीय धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ, तो उन्होंने ब्लैकमेलिंग, धमकियों और सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी फैलाने का सहारा लिया।
यह न केवल गैरकानूनी है, बल्कि पूरे मनोरंजन उद्योग की साख पर सीधा हमला है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और न्याय की प्रक्रिया पूरी तरह से लागू की जाए।”
जैसे ही इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ, के सेरा सेरा ने तत्काल प्रभाव से करिश्मा को उनके पद से हटा दिया ताकि कंपनी को और अधिक नुकसान से बचाया जा सके। हालांकि, बर्खास्तगी के बाद, करिश्मा ने अपने ससुराल वालों और पति के साथ मिलकर कंपनी के नेतृत्व को परेशान करना और धमकियां देना शुरू कर दिया।
जब उनकी शुरुआती डराने-धमकाने की कोशिशें नाकाम रहीं, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर झूठी अफवाहें फैलाने, फर्जी वीडियो बनाने और मानहानिकारक सामग्री प्रसारित करने का प्रयास किया। इतना ही नहीं, उन्होंने आत्महत्या और सामूहिक आत्महत्या की धमकियां देकर कंपनी पर दबाव बनाने की कोशिश की।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, के सेरा सेरा ने आधिकारिक रूप से प्रशासन से अनुरोध किया है कि अनिल मिश्रा, अभिषेक मिश्रा और श्वेता मिश्रा को इस संगठित धोखाधड़ी के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में जवाबदेह ठहराया जाए।
कंपनी ने वित्तीय धोखाधड़ी, कॉर्पोरेट कदाचार और भय दिखाने की रणनीतियों के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति अपनाई है। के सेरा सेरा अपनी साख बनाए रखने और फिल्म निर्माण, स्टूडियो संचालन, वितरण और मनोरंजन सेवाओं में एक वैश्विक अग्रणी के रूप में अपने मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
यह मामला उन लोगों के लिए एक सख्त चेतावनी है जो प्रतिष्ठित कंपनियों का शोषण अपने स्वार्थी और गैरकानूनी उद्देश्यों के लिए करना चाहते हैं। इस कानूनी लड़ाई को पूरी गंभीरता से लड़ा जाएगा ताकि सभी दोषियों को उनके कृत्यों के उचित परिणाम भुगतने पड़ें।