महंगाई पर काबू पाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने 4 मई को रेपो रेट में 0.40% की बढ़ोतरी की थी। इसके असर से लोन और जमा की दरों में बराबर बढ़ोतरी होनी चाहिए थी। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। कर्ज महंगा करने में तो बैंकों ने दरियादिली दिखाई, लेकिन जमा दरें बढ़ाने में मुट्ठी बंद रखी। मीडिया ने देश के टॉप बैंकों के होम लोन रेट और फिक्स्ड डिपॉजिट रेट की पड़ताल की। इसमें सामने आया कि रेपो रेट में 4 मई की पहली बढ़ोतरी के बाद से अब तक 17 बैंक अपने होम लोन को महंगा कर चुके हैं, जबकि जमा की दरों में 11 बैंकों ने ही इजाफा किया है। इसमें भी, लोन की दरों में इजाफा करने वाले बैंकों ने 0.50 से 0.90% की बढ़ोतरी की है। जबकि फिक्स्ड डिपॉजिट की दरों में 0.10 से 0.35% की बढ़ोतरी की गई है।
देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने होम लोन दर में 0.40% बढ़ोतरी की है, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट की सिर्फ निचली दर में इजाफा किया है, वह भी 0.20% का। प्राइवेट बैंकों में ये अंतर और ज्यादा है। होम लोन में एक्सिस बैंक ने 0.95%, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने 0.90% और एचडीएफसी ने 0.85% की बढ़ोतरी की है। जबकि इन बैंकों ने एफडी की दरों में सिर्फ 0.15% या 0.20% का इजाफा किया है।
आने वाले समय में जमा पर ब्याज बढ़ेगा
एक साल से 3 साल की अवधि वाले फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें 4.40 से 5.60 के बीच स्थिर हैं। ज्यादातर मामलों में मार्च की तुलना में 10 से 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी हुई है। रेपो रेट में दो बार में हुई 90 आधार अंकों की बढ़ोतरी का लाभ अब तक ग्राहकों को पूरी तरह नहीं मिला है। ज्यादातर बैंकों के पास इस समय पर्याप्त मात्रा में नकदी है, इसलिए अभी वह ऊंची कीमतों पर जमा लेना नहीं चाहते। लेकिन आने वाले कुछ महीनों में हम जमा पर भी ब्याज दरें बढ़ते देखेंगे।-आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार