
- सिरफिरे आशिक ने गोली मारकर की थी हत्या, जेल भेजा
- एएसपी और सीओ की मेहनत से निर्दोष जेल जाने से बचे
मैनपुरी/एलाऊ। विगत 17 मार्च को थाना एलाऊ क्षेत्र में की गई युवती कल्पना हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। युवती की हत्या सिरफिरे आशिक दो बच्चों के पिता ने की थी। जो युवती पर शादी न करके उसकी रखैल बनकर रहने का दबाव बना रहा था। पुलिस ने जिसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
ज्ञात हो कि थाना क्षेत्र के गांव लालमन निवासी 22 वर्षीय कल्पना बुधवार की सुबह शौच क्रिया के लिए खेतों की तरफ गई थी। जब वह काफी देर तक घर वापस नहीं लौटी तो परिजनों द्वारा तलाश की गई। तब उसका शव जल्लापुर निवासी दिनेश यादव के खेत में खून से लथपथ मिला था। उसकी गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था।
जिसमें युवती की एक बांह भी टूटे होने की पुष्टि हुई थी। घटना की रिपोर्ट मृतका के भाई ने शक के आधार पर गांव के ही विक्रम, दिनेश पुत्र भीकम सिंह के खिलाफ दर्ज कराई थी। घटना के बाद एसपी अविनाश पाण्डेय ने एएसपी मधुवन कुमार और सीओ सिटी अभय नरायन राय के नेतृत्व में सनसनीखेज हत्याकांड की तह तक जाने के लिए चार टीमों का गठन किया गया था। टीमों ने मामले में जांच शुरु की पहली ही जांच में पुलिस को मामला आशिकी की तरफ इशारा करने लगा। एसपी ने प्रेसवार्ता में बताया कि मृतका का सिरफिरा आशिक अजब सिंह पुत्र नबाब सिंह मृतका की शादी तय होने से बौखला गया था। उसने घटना से 15 दिन पहले ही कल्पना की हत्या करने की योजना बना ली थी। 17 मार्च को मृतका कल्पना जब शौच के लिए गई थी।
वहां पर सिरफिरा आशिक अजब सिंह भी पहुंच गया। और उसने कल्पना पर शादी न करके उसकी रखैल बनने का दबाव बनाया। जिसका युवती ने विरोध किया तब अजब सिंह ने तमंचा से गोली मारकर कल्पना की हत्या कर दी। और फरार हो गया। एसपी ने आगे बताया कि सिरफिरा आशिक अजब सिंह पहले से ही शादीशुदा है और दो बच्चों का पिता भी है। उसकी कहानी का किसी को शक न हो इसलिए वह मृतका के परिजनो से मधुर संबंध रखता था। पुलिस ने सिरफिरे आशिक अजब सिंह को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। उसकी निशान देही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त तमंचा और कारतूस व बाइक और मोबाइल को बरामद कर लिया है।
पुलिस को किया गुमराह करने का प्रयास
अजब सिंह घटना को अंजाम देने के बाद मौके से भागा उसने कहीं पर अपना मोबाइल फेंक दिया तो कहीं पर तमंचा फेंक दिया व कहीं पर बाइक डाल दी। और कानुपर नगर में जा पहुंचा जहां पर उसने अपने ही नाखूनांे ने अपने छाती पर निशान बनाएं। उसके बाद वहां पर अपने ऊपर हमला होने की बात चारों तरफ फैलाकर वहां के सीएचसी में भर्ती हो गया। वहां से रेफर होकर कन्नौज आ गया। वहां से भी अपनी ससुराल फर्रुखाबाद पहुंच गया। फिर भी वह पुलिस की तीसरी आंख से बच न सका।
पुलिस की तत्परता से निर्दोष जेल जाने से बचे
इस पूरे ही हत्याकांड के खुलासे में पुलिस की कार्यशैली की जितनी सराहना की जाएं कम ही होगी। सबसे बड़ी बात पुलिस ने 48 घंटे में ही घटना का खुलासा करके दूध का दूध पानी का पानी कर दिया। जबकि मृतका के भाई ने घटना की रिपोर्ट अन्य दो भाईयों के विरुद्ध दर्ज कराई थी। लेकिन पुलिस ने मामले की तह जाना ही उचित समझा। जिसकी वजह से निर्दोष जेल जाने से बच गए।










