भोपाल। हाथ का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया की कमलनाथ सरकार ने घेराबंदी करना शुरू कर दी है। सिंधिया के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने जमीन की खरीद फरोख्त मामले में जांच शुरू कर दी है। इस मामले में सिंधिया पर 10 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप है।
इन मामलों में एफआईआर भी हो सकती है। इस बीच ग्वालियर में पदस्थ ईओडब्ल्यू के एसपी देवेंद्र सिंह राजपूत का तबादला भी कर दिया गया है। उनकी जगह अब अमित सिंह ग्वालियर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ शाखा के एसपी होंगे।
ग्वालियर के वकील सुरेंद्र श्रीवास्तव ने एक आवेदन लगाकर मामले में कार्रवाई की मांग की है। इसी शिकायती आवेदन पर ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की है। दरअसल 26 मार्च 2014 को ईओडब्ल्यू में एक शिकायती आवेदन देकर आरोप लगाया गया था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवार ने वर्ष 2009 में महलगांव, ग्वालियर की जमीन (सर्वे क्रमांक 916) खरीदकर रजिस्ट्री में काट-छांटकर आवेदक की 6000 वर्ग फीट जमीन कम कर दी थी।
साथ ही सिंधिया देवस्थान के चेयरमैन और ट्रस्टियों ने महलगांव, जिला ग्वालियर स्थित शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1217 बेचने के लिए प्रशासन के सहयोग से फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। इसी संबंध में एक शिकायती आवेदन 23 अगस्त 2014 को ईओडब्ल्यू में दिया गया था। दोनों शिकायतों को जांच के बाद नस्तीबद्ध किया गया था। इसी से असंतुष्ट होकर श्रीवास्तव ने फिर कार्रवाई के लिए आवेदन दिया है।