भोपाल. मध्यप्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों का ऋण माफ करने के कांग्रेस के निर्णय पर सवाल उठाने वालों को आज आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब उद्योगों का ऋण माफ किया जा सकता है तो किसानों के मामले में एेसा क्यों नहीं किया जा सकता है।
कमलनाथ ने यहां यूनीवार्ता से चर्चा में कहा कि राज्य की 70 प्रतिशत लोगों की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि क्षेत्र है। यह भी सच है कि हमारे यहां किसान ऋण की स्थिति में ही जन्म लेता और इसके बोझ तले ही जीवन व्यतीत करता है।
किसान आैर कृषि क्षेत्र बेहतर स्थिति में होने पर ही नगरीय और शहरी क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था ठीक रहती है और बाजार भी इसी से रौनक रहते हैं। उन्होंने किसानों के ऋण माफ करने के कांग्रेस के फैसले पर अमल करने की प्रतिबद्धता जतायी।
किसानों के ऋण माफ करने के चुनावी वादे के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराज रमन के बयान परिप्रेक्ष्य में श्री कमलनाथ ने कहा कि वे ऐसी किसी भी बात से गुमराह होने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा ‘एसी कमरों में बैठकर बात करने वाले किसानों का दर्द नहीं समझ सकते हैं।’ उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब उद्योगपतियों के बड़े बड़े ऋण माफ कर दिए जाते हैं, तो किसानों के ऋण माफ क्यों नहीं हो सकते हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में किसानों के ऋण माफ करने का वचन दिया है। अब कांग्रेस की सरकार बनने पर सभी की निगाहें किसानों के ऋण माफ करने संबंधी वादे के अमल पर लगी हुयी हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक दल के सर्वसम्मति से नेता चुने गए हैं। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया और राज्यपाल ने श्री कमलनाथ को मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए सरकार बनाने के लिए विधिवत आमंत्रित कर लिया कमलनाथ सोमवार को दोपहर में जंबूरी मैदान पर आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस मौके पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ पार्टी नेता और विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं के अलावा प्रमुख उद्योगपतियों के भी मौजूद रहने की संभावना है।