कानपुर। नजीराबाद थाने की पुलिस पर शव से जेवर उतारने का गंभीर आरोप लगने के बाद एसीपी ने जांच शुरू करदी है। मंगलवार को मृतका के बेटे के बयान एसीपी केयहां दर्ज हुए। वहीं पुलिस ने अपने बचाव में पुलिसिया पैंतरा चलना शुरू कर दिया हैै। सूत्रों की माने तो पीड़ित को धमकाने के लिये बाहरी लोगों को लगा दिया गया है। बता दे के एसओ नजीराबाद अक्सर विवादों में रहे है।नजीराबाद थाना क्षेत्र के आरके नगर में 12 अप्रैल को निखिल उर्फ विवेक ने मां राजकुमारी की हत्या कर फांसी लगा ली थी। घटना के बाद इंस्पेक्टर नजीराबाद कौशलेन्द्र प्रताप सिंह चौकी इंचार्ज रवि कुमार फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और जांच की थी। राजकुमारी के बड़े बेटे जितेंद्र उर्फ दुर्गेश ने आरोप लगाया है कि मां की मौत के दौरान उनके शरीर में सोने की चेन, अंगूठियां और कंगन (तीन लाख के जेवर) मौजूद थे। जांच के दौरान नजीराबाद पुलिस ने शव से जेवरात उतारकर अपने कब्जे में लिए थे, लेकिन इसका जिक्र न ही पंचायतनामा में किया और न ही जीडी में दर्ज किया।
जितेंद्र ने बताया कि मां का अंतिम संस्कार करने के बाद वह नजीराबाद थाने मां के जेवरात लेने गए थे। पुलिस कर्मियों ने जेवरात उनके पास नहीं होने की बात कहते हुए धमका कर भगा दिया। इसके बाद उन्होंने 22 जून को आईजीआरएस पोर्टल पर मामले की शिकायत दर्ज कराई। जिस दरोगा जितेंद्र कुमार पर भी चोरी का आरोप था उसे ही जांच दी गई। 26 जून को एसआई ने रिपोर्ट दाखिल कर दी। अपनी रिपोर्ट में लिखा कि महिला के शरीर पर कोई जेवरात नहीं थे।वहीं, नजीराबाद एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह पर यह कोई पहला आरोप नहीं लगा है। इससे पहले कौशलेंद्र के पास से चोरी की कार बरामद हुई थी। कार की सर्विस के लिए थाना प्रभारी गए तो मालिक के पास मैसेज पहुंचा और उनकी कलई खुल गई थी। इसके बाद कौशलेंद्र को कार मालिक को लौटानी पड़ी थी। विभागीय मामला होने के चलते कार्रवाई से बच गए थे।
जितेंद्र उर्फ दुर्गेश ने आरोप लगाया कि मां के जेवरात के बारे में पूछा तो पुलिस ने 23 जून को निखिल की पत्नी से तहरीर लेकर गृह अतिचार और चोरी का मुकदमा लिखवा दिया। पति की मौत के बाद से निखिल की पत्नी से विवाद चल रहा है। इस मामले का खुलासा होने के बाद थानास्तर पर खलबली मची हुई है। मामले की जांच करने वाले आईओ रवि कुमार और एसओ से भी पूछताछ की जा रही है जिसमें दोनों ने शव पर जेवर होने और परिजनों को सौंपने की बात कही है।