कानपुर। भाजपा पार्षद सौम्या शुक्ला के पति अंकित शुक्ला ने अपने चारों साथियों के साथ नाटकीय ढंग से भाजपा नेताओं की मौजूदगी में ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश के कार्यालय में जाकर सरेंडर कर दिया। यहां से कोतवाल पुलिस को बुलाकर सभी आरोपियों को रायपुरवा पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
दवा कारोबारी अमोलदीप भाटिया के साथ 23 सितम्बर की रात गाड़ी ओवरटेक करने के विवाद में पार्षद सौम्या शुक्ला के पति से विवाद हुआ था। आरोप है कि अकिंत शुक्ला और उसके साथियों ने अमोलदीप भाटिया को बुरी तरह पीटा जिससे उसकी एक आंख फूट गयी तो दूसरी में गंभीर चोटे आयी थी। उनका इलाज दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में चल रहा है। मामले ने तूल तब पकड़ा जब रायपुरवा पुलिस ने थाने में आरोपियों के होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं की। दूसरे ही दिन शहर भर के गुरूद्वारा कमेटी के लोग एकत्र हो गये औश्र पुलिस आयुक्त कार्यालय का घेराव करके न्याया मांगा। तब से लगातार मामले में सिख आंदोलित थे।
इस बीच दवा व्यपारी और दिल्ली के कई सिख संस्था भी मामले में गिरफ्तारी को लेकर एकजुट हो गयी। चौतरफा दबाव पड़ते ही पुलिस ने गंभीर धाराओं को मुकदमें बढ़ा कर आरोपियों पर पच्चीस पच्चीस हजार का इनाम घोषित कर दिया। गुरूवार को पूरा दिन आरोपियों की गिरफ्तारी का नाटक चलता रहा आखिर में सरेंडर करने का मामला तय हुआ लेकिन पुलिस से बात नहीं बनी।
शनिवार को भाजपा नेता राकेश तिवारी की अफसरों से बात हुई जिसके बाद शुक्रवार की दोपहर दो बजे पार्षद सौम्या शुक्ला, भाजपा नेता राकेश तिवारी, समेत सभी आरोपियों के परिजन ज्वाइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी के कार्यालय पहुंचे। यहां सौम्या ने एक ज्ञापन भी दिया।