कानपुर । अगर आप भी किसी कम्पनी के किसी प्रोडेक्ट या सेवाओं का लाभ लेनेके लिये गूगल से कस्टमर केयर नम्बर खोज कर मदद लेने की सोंच रहे थे पहले यह जरूर पता कर लिजिये की कहीं जिस गूगल से कस्टमर केयर नम्बर पर आप जानकारी साझा कर रहे कहीं वह साइबर अपराधियों का बिछाया मकड़जाल तो नहीं।
ऐसा ही एक मामला सामने आये जिसमें में सरकारी शिक्षिका को गूगल पर बैंक का हेल्पलाइन नंबर खोजना भारी पड़ गया। नौबस्ता पुलिस ने शिक्षिका की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर ली। यशोदानगर के शंकराचार्य निवासी तृप्ति पांडेय पेशे से सरकारी टीचर हैं।तृप्ति ने बताया कि वह कुछ समय पहले अपने बैंक खाते से भाई को आठ लाख रुपये ट्रांसफर कर रही थी, जो नहीं हुआ।
हालांकि इस लेनदेन के चार्ज बैंक ने काट लिए। इस पर उन्होंने गूगल पर बैंक का हेल्पलाइन नंबर सर्च किया। उस पर संपर्क किया, तो बात करने वाले ने बैंक प्रतिनिधि बन पहले, तो उनसे एनी डेस्क एप इंस्टॉल कराया।इसके बाद डेबिट कार्ड की डिटेल भरवाकर खाते से तीन बार में चार लाख रुपये निकाल लिए। उन्हें जब मैसेज आए, तो ठगी का एहसास हुआ। इस पर उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल नंबर 1930 पर सूचना दर्ज कराने के बाद नौबस्ता थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी।