कानपुर : बीपी मरीज ठंड में रहे सतर्क, कार्डिक विशेषज्ञों ने दी सलाह

[ कार्डिक विशेषज्ञ, डॉक्टर नीरज कुमार ]

कानपुर। ठंड के मौसम के में हार्ट अटैक और ब्रेन के मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है, इसका मुख्य कारण बीपी नियंत्रित ना होना है। इसके लिए जरूरी है। ठंड आते ही जिन्हे बीपी की शिकायत, कार्डिक दिक्कत और पहले से स्ट्रोक की परेशानी है। तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह ले, क्योंकि ठंड के मौसम में बीपी अनियंत्रित हो जाता है। जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेल, जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

हृदय रोग संस्थान के वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर नीरज कुमार ने बताया कि बीपी की शिकायत है अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। नियमित बीपी का चार्ट बना कर रखे। जिससे पता चले बीपी कब ज्यादा और कम हो रहा है, जिससे मेडिसिन को बदला जा सके।

सर्दी में बहुत सुबह ठंड पर बाहर ना निकले और रात में हो सके समय पर घर आए, खाने में गुनगुने पानी का सेवन करे, ठंडा खाना ना खाए। मेडिकल कॉलेज के न्यूरो मेडिसिन डॉ. आलोक कुमार ने बताया, बीपी का उतार चढ़ाव ब्रेन पर असर डालता है, इसके लिए जरूरी है, बीपी का नियंत्रित होना। सर्दी में शरीर में जबान का लड़खड़ाना, हल्का सा मुंह टेढ़ा होने लगना जैसे लक्षण दिखे तुरन्त मरीज को हास्पिटल ले जाए। ये पैरालिसिस का लक्षण हो सकता है।

4 घंटे के अंदर मरीज को इलाज मिल जाए तो वह पूर्ण रूप से सही हो सकता है। एक इंजेक्शन से मरीज की हालत में सुधार हो सकता है जो कि बाहर बहुत महंगा आता है, वही, हैलेट हॉस्पिटल में फ्री में लगाया जाता है, जिससे मरीज का स्ट्रोक सही हो जाता है।

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