कानपुर। बैंक ऑफ बड़ौदा की किदवई नगर शाखा से फिल्मी स्टाइल में हुई करोड़ों की चोरी का पुलिस ने एक सप्ताह में खुलासा कर दिया। चोरी का मास्टर माइंड कोई और नहीं बल्कि गोदरेज कम्पनी का लॉकर मैकेनिक निकला। पुलिस ने उससे साठ प्रतिशत से ज्यादा के जेवर बरामद कर लिये है। गुडवर्क में शामिल पुलिस टीम को एक लाख का इनाम समेत शीलड प्रदान करने के लिये शासन को पत्र भेजा जायेगा। किदवई नगर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की वाई ब्लाक शाखा में रमा अवस्थी को लॉकर संख्या 70 मिला हुआ था जिसमें उन्होंने अपने, बहू, बेटी समेत पुरखों के जेवरों को रखा था। जेवरों की कीमत करीब सवा करोड़ के ऊपर थी। 24 मार्च को वह बेटी के साथ लॉकर में रखे गहने देखने पहुंची थी।
किदवई नगर में बीओबी बैंक के लॉकर से चोरी के मामले में लॉकर मेकेनिक को किया गया गिरफ्तार
लॉकर में चॉबी लगाते ही लॉकर अपने खुल गया था। जिसके बाद चोरी का पता चला। इस मामले में किइवई नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने बताया कि डीसीपी सलमान ताज पाटिल के नेतृत्व में एसओ संजय शुक्ला, और उनकी टीम ने बैंक के आठ माह पुराने तक कैमरों की फूटेज खंगाली तो उसमे एक शख्स इस बीच दो बार बैंक के लॉकर कक्ष में जाता दिखा उसकी संदिग्ध गतिविधियां देखकर पुलिस ने उसके बारे में जानकारी जुटायीतो पता चला कि वह गोदरेज कम्पनी का लॉकर मैकेनिक रोहित शुक्ला है।
पुलिस ने उसके बारे में जानकारी जुटायी तो पता चला कि पिछले एक साल में रोहित ने कार, और मकान बनवाया है जबकि उसकी सैलरी महज 13 हजार रूपये है। पुलिस ने रोहित को कस्टडी में लेकर पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि बैंक से अक्सर लॉकरों को रिपेयरिंग व मैंटिनेंस के लिये कम्पनी की तरफ से भेजा जाता था। मौका पाकर अन्य लॉकरों को लॉक तोड़ कर उसमें रखे आभूषण चोरी करने लगा था। करीब तीन बार में उसने रमा अवस्थी के लॉकर से जेवर चुराये थे। पुलिसस आयुक्त ने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा का गोदरेज कम्पनी से करार है जिसके चलते शहर के लगभग लॉकरों को ठीक करने के लिये कर्मचारी भेजे जाते है आशंका है पूर्व में भी हुई लॉकरों की चोरी में इस कर्मचारी का हाथ हो सकता है। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर सोने, चांदी के करीब अस्सी लाख के आभूषण बरामद कर लिये है।
पुलिस की पकड़ में आये गोदरेज कम्पनी के कर्मचारी रोहित शुक्ला बेहद शातिर दिमाग था7 उसने बताया कि करीब साल भर पूर्व वह लॉकर ठीक करने इसी बैंक में गया था। वहां सभी उसे जानते थे इसलिये लॉकर ठीक करने वक्त कोई कर्मचारी साथ नहीं था। तब उसने पहली बार रमा अवस्थी के लॉकर को खोला उसमें से सोने के चार आभूषण चुराये थे। उन्हें बेंचकर अपने लिये नई बाइक ली थी। साथ ही अपने लिये सोने की जंजीर और महंगा मोबाइल भी खरीदा था। दूसरी बार उसी बैंक में गया तो उसका लालच बढ़ गया और उसने आधे से ज्यादा गहने चुरा लिये थे। इस बीच लगातार अखबारों में और बैंक की टोह लेता रहा कि कहीं चोरी की जानकारी बैंक प्रबंधन को तो नहीं हुई। इस बीच उसने अन्य लॉकरों को नहीं खोला था।