कानपुर। आग से जलने के कारण मरीज उर्सला में भर्ती किया गया। जलने से गर्दन छाती से चिपक गई थी। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने में रिफर किया गया।4 घंटे की बडी सर्जरी कर डाक्टरो ने सफल ऑपरेशन कर नया इतिहास रचा।
हैलट अस्पताल में डाक्टरो ने एक बार फिर एक ऐसे मरीज का जीवन बचाया गया। जिसकी उम्मीद नहीं थी।
हैलट के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर प्रेम शंकर व एनस्थेसिया विभाग के डॉक्टर अपूर्व अग्रवाल व उनकी टीम ने आग से जली महिला की छाती से चिपकी गर्दन को आपरेशन अलग कर उसे एक नई जिन्दगी दी। डाक्टरो द्वारा इस सफल और जटिल आपरेशन के लिए प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने प्रशंसा कर डाक्टरो व उनकी टीम को बधाई दी।
बता दे कि नरवल निवासनी सुमन 9 माह पूर्व घर में खाना बनाते समय आग से जल गई थी जिसे गंभीर हालत में उसे उर्सला भर्ती कराया गया। उर्सला में सुमन का इलाज चला,लेकिन समस्या का निदान नही हो सका। क्योकि सुमन के आग में जलने से उसकी गर्दन छाती से चिपक गई थी। गर्दन छाती से चिपकने पर वह रोजमर्रा के कार्य नही कर पा रहा थी। पति विकलांग और गरीबी ने जैसे उसे मौत के मुहाने पर लाकर खडा कर दिया हो। डॉक्टर प्रेम शंकर ने गंभीरता से लिया आयुष्मान कार्ड को लेकर सुमन ने अपना इलाज कराने पहुंची और उसका इलाज आयुष्मान निधि से बिल्कुल मुफ्त किया गया।
डॉक्टर प्रेम शंकर ने बताया कि मरीज सुमन की गदर्न जो छाती से चिपक कई थी वह आपरेशन बहुत ही जटिल था, जिसे करने में 4 घंटे का समय लगा ,इसके लिए प्लास्टिक सर्जरी की गई ,ऑपरेशन में मरीज की गर्दन में सीधा किया गया तो बहुत से घाव नजर आए जो काफी जटिल थे ,इसके लिए मरीज के जांघ की चमडी को काट कर शरीर के जरूरी अंग में लगाया गया।
आपरेशन इतना जटिल था कि अगर कोई भी छोटी सी चूक हो जाती तो मरीज के गले की नस कट सकती थी। और कुछ भी हो सकता था। मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ्य है। इस आपरेशन के लिए प्राचार्य संजय काला ने आपरेशन करने वाली टीम को बधाई दी।