कानपुर। सीएसजेएमयू के 38वां दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्र-छात्राओं को पदक दिए। उन्होंने सर्टिफिकेट तो मिलते रहेंगे, लेकिन आपका कार्य ही आपकी पहचान बनाता है। अच्छे कार्य करते रहें जीवन मे संतोष और आनंद मिलता रहेगा। उन्होंने बताया की विश्व के सामने भारतीय छात्र आंख से आंख मिलाकर चलें। पूरा विश्व भारतीयों पर नजर रखे है। युवाओं को रिसर्च, पेटेंट करना होगा जब चंद्रयान चांद पर लैंड हुआ तो सभी ने गर्व किया। इस मिशन में और इसरो से जुड़े कई वैज्ञानिक छोटे छोटे संस्थानों से हैं।
-छात्राओं ने बाजी मारी
समारोह में 55 मेधावियों को 57 पदक दिए गए, जिनमें छात्राओं की संख्या 74.55 फीसद रही। कानपुर देहात के त्रिगुणी नारायण महाविद्यालय की श्वेता साहू और डीबीएस कॉलेज के जीत शर्मा को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। यह पहला मौका है जब दो मेधावियों को यह पदक से नवाजा गया है। समारोह में दो होनहारों को कुलाधिपति रजत, 29 को कांस्य, 12 को कुलपति स्वर्ण पदक और 53 को प्रायोजित मेडल दिए गए। कुल 209171 छात्र-छात्राओं को उपाधि मिली।
मुख्य अतिथि के रूप में हनी बी नेटवर्क के संस्थापक पद्मश्री प्रो. अनिल गुप्ता, विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी मौजूद रहीं। आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के प्रो. पद्मश्री मणींद्र अग्रवाल और प्रो. पद्मश्री अनिल गुप्ता को मानद उपाधि दी गई।
वहीं उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि शिक्षा तो हर कोई प्राप्त कर लेता है, लेकिन संस्कारयुक्त शिक्षा जरूरी है। पुरातन को प्रगति दी जाए। अब नया शिक्षा का दौर चल चुका है। शिक्षा का उद्देश्य मात्रा डिग्री हासिल नहीं करना है। महान लोग छोटी घटनाओं से बड़े संदेश देते हैं। पदमश्री प्रो.अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि शिक्षा और संवेदना के बीच संबंध है। उत्कृष्टता सिर्फ एक क्षेत्र से नहीं होती है। इसरो में आने वाले किसी आईआईटी या आईआईएम से नहीं थे, लेकिन यह छोटे छोटे कॉलेज से थे।
– समारोह थीम चंद्रयान-3 पर आधारित
दीक्षांत समारोह का आयोजन चंद्रयान थीम पर हुआ। रानी लक्ष्मीबाई सभागार में इसरो के वैज्ञानिकों और टीम के सदस्यों की फोटो और स्केच लगाए गए। चंद्रयान के रोवर और लैंडर की रंगोली बनाई गई। सीएसजेएमयू के यूआईईटी विभाग के चार पुरातन छात्रों अतुल, प्रियंका मिश्रा, प्रवेश माथुर और प्रियंका यादव को सम्मानित किया गया। ‘चांद के पार यूपी के होनहार’ बुकलेट जारी की गई, जिसमें प्रदेश के 30 छात्रों की बारे में और उनकी सफलता की कहानी लिखी है।