कानपुर। शीत ऋतु आते ही कोहरे ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया। कोहरे में वाहनो दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में बढ़ोत्तरी देखी जाती है जिसके चलते सड़क यात्रा करने में कोहरा एक बड़ी समस्या साबित होता है। कोहरे में दृश्यता कुछ ही मीटर रह जाती है और अक्सर सड़क दुर्घटनायें हो जाती है। इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रदेश के सभी आरटीओ के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग की गई और सडक दुर्घटना को रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए।
केन्द्र सरकार द्वारा जारी गजट के दौरान वीडियो कांफ्रेसिंग की गई जिसके बारे में जानकारी देते हुए एआरटीओ प्रवर्तन द्वितीय सुनीलदत्त ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तहत कोहरे में चलने वाले वाहनो को लेकर कहा है कि यदि जरूरी न हो तो कोहरे में यात्रा न करें। कोहरे में चलने की विवशता होने पर अपने वाहन को अत्यन्त धीमी गति से चलायें और सतर्क रहें। वाहन की खिड़की के शीशे थोड़ा खुला रखें तापमान को एसी और हीटर के बीच सैटिंग पर रखे जिससे उसकी हवा विंडस्क्रीन की ओर कर दें, इससे विंडस्क्रीन पर भाप नहीं जमेगी। फ्रन्ट डिमिस्टर और रियर डिफॉगर का प्रयोग करें, अपने वाहन के फॉग लैम्प और हेडलैम्प को ऑन कर दें।
हेडलाइट को लो बीम पर रखें। अपने वाहन की हैजर्ड लाईट्स को ऑन कर दें और पार्किंग लाईट्स भी जला लें, वाहन चलाते समय स्टीरियो या एफ.एम. को बन्द कर दें और धीमी गति से एक दूसरे के पीछे चलें तथा अपने वाहन के आगे एवं पीछे चल रहे वाहनों से एक निश्चित दूरी बनाये रखें।
किसी भी वाहन को जल्दबाजी में ओवरटेक न करें और सड़क के बीच में खड़े खराब वाहनों व सड़क किनारे पार्क किये गये वाहनों से सावधान रहें। कार्मशियल वाहनो में रिफलेक्टर टेप लगा होना जरूरी है क्योंकि इससे पीछे आने वाले वाहन को पता चल जाता है कि आगे एक भारी वाहन चल रहा है। इन सभी सावधनियों को आम नागरिक से लेकर बडे वाहन चालको को बरती है जिससे वह दुर्घटनाओं का शिकार न हो सके और सुरक्षित रहे।