कानपुर। प्रयागराज हाईवे पर तेज रफ्तार ट्रक ने रेलवे के कर्मचारी को मौत की नींद सुला दिया। नाइट डयूटी करके लौट रहे लोको पायलट की मौत की खबर मिलते ही परिजनों समेत कर्मचारियों में रोष फैल गया। कर्मचारियों ने हंगामा करते हुए शताब्दी ट्रेन को भी रोक दिया। अफसरों ने मौके पर पहुंच की स्थिति को संभाला। लखनऊ में रहने वाले दिव्यांशु दुबे (27) रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट थे। उनकी तैनाती सरसौल स्टेशन में थी। साथी कर्मचारियों के अनुसार दिव्याशु बर्रा में किराए के मकान में रहते थे। सुबह 6 बजे वह ड्यूटी से बाइक से घर लौट रहे थे।
इस दौरान अहिरवां में ट्रक ने टक्कर मारी और फिर भागने के चक्कर में कुचलते हुए निकल गया। राहगीरों ने किसी तरह लोकों पायलट को कांशीराम हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे की जानकारी मिलते ही सैकड़ों कर्मचारी कांशीराम हॉस्पिटल पहुंचे। पुलिस और रेलवे विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने के साथ ही हंगामा किया। वहीं, परिवार के लोग भी हादसे की जानकारी दी गयी दस बजे सभी परिजन अस्पताल पहुंचे।
रेलवे कर्मचारियों में इस बात को लेकर आक्रोश था कि उनकी पोस्टिंग बीच जंगल में बने स्टेशनों में होने की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि असिस्टेंट लोको पायलट हादसे का शिकार हुए और उनकी जान चली गई। कर्मचारियों ने कहा कि मामले को रेलवे मुख्यालय तक पहुंचाएंगे।साथी की मौत से गुस्साए कर्मचारियों ने सेंट्रल स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर-9 पर दिल्ली से लखनऊ जा रही शताब्दी को रोक दिया और हंगामा शुरू किया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव को परिजनों को सौंप दिया है।
कर्मचारियों का कहना था कि पहले जेएमसी यार्ड में लोको पायलट की लॉबी स्टे करती थी, लेकिन कुछ समय पहले लॉबी को कानपुर आउटर क्षेत्र में बने सरसौल स्टेशन शिफ्ट कर दिया गया। इससे कर्मचारियों को काफी कठिनाई करनी पड़ रही।रेलवे अफसरों ने मांगों को पूरा करने का आश्वासन देकर कड़ी मशक्कत से कर्मचारियों को हटाया। तब जाकर करीब 45 मिनट बाद शताब्दी रवाना हो सकी।चकेरी थाना प्रभारी अशोक दुबे ने बताया कि मामले की जांच करके टक्कर मारने वाली गाड़ी को तलाश किया जा रहा है।