कानपुर। पार्षद सौम्या शुक्ला के पति अकिंत शुक्ला पर मुकदमा और इनाम घोषित होने के बाद से सामजिक रूप से प्रतिष्ठा दांव पर लगने के बाद अब पार्षदों के साथ महापौर ने भी उनके पक्ष में मोर्चा खोल दिया है। बता दे कि पार्षद पति समेत पांच पर 25-25 हजार का इनाम पुलिस ने घोषित कर दिया है।सभी आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर है। दरअसल जिस थाने में अंकित कभी रंगबाजी से बैठता था उसी थाने की पुलिस अब उसे खोज रही है।
इस मामले में गुरूवार को महापौर प्रमिला पांडेय ने भाजपा पार्षदों की बैठक प्रमिला सभागार में बुलाई। महापौर ने बताया कि तय हुआ है कि इस पूरे प्रकरण को समझौता कर हल कराया जाएगा। बैठक के बाद महापौर दवा व्यापारी अमोलदीप सिंह के परिवार से मिलने उनके घर की तरफ रवाना हुई। जहां परिजनों ने किसी प्रकार के समझोते से इंकार कर दिया। कहा कि घायल अमोल का इलाज दिल्ली में चल रहा है उनके ठीक होने के बाद भी परिवार निर्णय लेगा।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि भाजपा से जुड़े लोग भी इस मामले को अंदरखाने हवा दे रहे हैं। इसमें उन लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा है। बता दें कि इस मामले में सिख समाज एकजुट होकर विरोध में खड़ा हो गया है। महिला पार्षद सौम्या शुक्ला के पक्ष में भाजपा दल की बैठक में सिर्फ एक महिला वार्ड परमपुरवा से पार्षद विद्यादेवी ही पहुंचीं। जबकि नगर निगम में भाजपा की करीब 17 महिला पार्षद हैं। वहीं भाजपा के कुल 65 पार्षद हैं, जबकि बैठक में करीब आधे पार्षद ही पहुंचे। इसको लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं कि इस मामले में पार्षद भी एकमत नहीं हैं।
अकिंत शुक्ला प्रकरण में पार्षदों के बीच भी दो फाड़ नजर आ रहे है। सोशल मीडिया पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के साथ आरोपी की फोटो वायरल हुई जिसके बाद सिख समाज में पार्टी को लेकर गुस्स व्यप्त हो रहा है। इधर पार्षद नवीन पंडित, नेता सदन व वरिष्ठ पार्षद- इस पूरे प्रकरण में सीबीआई जांच होनी चाहिए। शहर में माहौल खराब नहीं होना चाहिए। इसमें कुछ लोग माहौल खराब कर रहे हैं। इस प्रकरण में जो भी दोषी होना चाहिए, उसकी जांच होनी चाहिए।अभिनव शुक्ला गोलू, पार्षद- आरोपी पार्षद का एक मकान मेरे ही वार्ड में है। दोनों पक्षों पर निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। सभी के ऊपर मुकदमे और चरित्र की जांच भी होनी चाहिए। पुलिस को एकतरफा कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।