कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज से सम्बंद्ध अस्पताल हैलट में एक सप्ताह पूर्व आए, 65 वर्षीय बुर्जुग के मुंह के बढ़ते कैंसर का जटिल आपरेशन कर एक नया इतिहास रचा। हांलाकि कैंसर में और भी ऐसे आपरेशन हुए होंगे ,लेकिन यह आपरेशन अपने आप में एक चौलेंज था। जिसे जीएसवीएम प्राचार्य डॉक्टर संजय काला और उनकी टीम ने बेहतर तरीके से आपरेशन कर उसे एक नया जीवन दिया।
प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने बताया कि फर्रूखाबद निवासी काल्पनिक नाम मानवेंद्र एक गाल में एक छोटा सा दाना निकला हुआ था। मानवेंद्र ने पहले निजी अस्पताल में इलाज कराया जिसे ऑपरेशन की सलाह दी गई। ऑपरेशन के बाद भी उसका दाना ठीक नही हुआ। इसके बाद बुर्जुग मानवेंद्र ने उर्सला में जाकर दिखाया तो डाक्टर ने कैंसर होने की बात बताई मानवेंद्र की सर्जरी की गई। उसकी स्थिति जब की तस रही। 15 दिन पहले हैलट सर्जरी विभाग के ओपीडी में पहुंचा जहां प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने उसकी कई जांचे करायी।
डॉक्टर चयनिका काला ने मरीज की बायोप्सी की तो पता चला कि मानवेंद्र को फाइब्रो मैक्साउड सिरकोमा है। इस जटिल प्रक्रिया में एक जांच आईसी मार्कर लखनऊ से करायी गयी। जिससे स्थित पूरी तरफ से साफ हो चुकी थी कि मानवेंद्र के मुंह में कैंसर है जो दुनिया में कम पाया जाता है,जिसकी वजह वर्षाे से गुटखा खाना बताया गया।
मेडिकल कालेज में ऐसे हुआ आपरेशन
प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने बताया कि सर्जन डॉक्टर ए के चौधरी, डॉक्टर यामिनी गुप्ता, प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर प्रेम शंकर व डॉक्टर पारूल आहूजा ने 7 घंटे मुख्य सर्जरी करते हुए सबसे पहले उसके जबडे का आपरेशन किया। क्योेंकि मरीज का मुंह खुल नही रहा था और मुंह के अन्दर उपकरण नही जा पा रहा था इस लिए जबडे का आपरेशन कर कैंसर के हिस्से को बाहर निकाला गया और डॉक्टर प्रेम शंकर ने छाती से मांस निकाल कर चेहरे से निकली चमड़ी को सही चेहरा दिया ।मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। यह आपरेशन को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने निःशुल्क किया गया। आपरेशन में सहायक के रूप में डॉक्टर शुभम चौबे, डॉक्टर आयुष्या डॉक्टर अनामिका, डॉक्टर कविता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।