कानपुर। लोकसभा एवं विधानसभा पुनर्गठन 2007 के अनुसार नई मतदाता सूची नहीं बनाई गई है।पिछले 15 वर्षों से लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव पुरानी मतदाता सूची से ही कराए गए हैं, नई मतदाता सूची ना होने के कारण, स्थानांतरित व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में संशोधित नहीं हुए। जिससे की वोटर आईडी होने के पश्चात भी वो अपने मताधिकार के प्रयोग से वंचित रह जाते हैं, इसके चलते मतदान प्रतिशत कम रहता हैं।
कलेक्ट्रेट सभागार में मतदान स्थल परिवर्तन व मत प्रतिशत पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए सांसद सत्यदेव पचौरी ने जिलाधिकारी से कहा कि नवीन गठित मतदेय स्थलों को वहीं गठित किया जाए जहां जनसंख्या घनत्व हो। नए मतदाता बनाए जाने के लिए अभियान चलाने तथा पुराने मतदाताओं को आधार कार्ड से जोड़े जाने की भी आवश्यकता है।
नए मतदाता बनाने का अभियान चलाने व पुराने मतदाताओं को आधार कार्ड से जोड़े जाने की आवश्यकता: सांंसद पचौरी
सांसद पचौरी ने अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि असम और बंगाल जैसे राज्य ने यह सुधार करके अपने मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी की है। हाल ही के आसाम वह बंगाल के चुनावों में 75-80% मतदान प्रतिशत रहा है।इस अवसर पर डीएम विसाख जी अय्यर, एडीएम सिटी एडीएम फाइनेंस, विधायक सरोज कुरील, उपाध्याय गणेश शुक्ला , महामंत्री अवधेश सोनकर वह विभिन्न अन्य राजनीतिक पार्टियों के भी प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित रहे ।