कानपुर। ककवन रोड पर स्थित आबकारी विभाग की जमीन को कब्जेदारो के चंगुल से आजादी के लिए लगातार कार्रवाई का सिलसिला बढ़ रहा है। बीते दिनों मौके पर जांच के बाद प्लाटिंग की भूमि पर भी कार्रवाई को खाका खिंच रहा है। जल्द ही उसे भी कब्जे से मुक्ति दिलाकर आबकारी भूमि में शामिल किया जाएगा।
सन् 1909 में अंग्रेजी शासनकाल में बनाए गए आबकारी भवन में इस समय लगभग 27 बिस्वा जमीन दर्ज है। हालांकि मौके पर कब्जेदारी के चलते लगभग 16 बिस्वा ही जमीन मौजूद है। विभागीय अधिकारियों की सख्ती के बाद कब्जा मुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई। गत वर्ष आबकारी परिसर पर दुकानों को हटाकर बाउंड्रीवाल बनाई गई और गेट लगाकर कब्जेदारों को दूर रहने की तरफ इशारा दिया गया। कई बार पैमाइश कर आस पास की विभागीय संपत्ति को सुरक्षित करने का प्रयास किया गया। इसी क्रम में शुक्रवार को अधिकारियों के निर्देश पर राजस्व की टीम ने मौके की बारीक जांच की। इसमें परिसर के दक्षिण दिशा में स्थित प्लाटिंग में विभाग की लगभग 4 लठ्ठा जमीन सम्मिलित पाई।
किन्हीं कारणों से टीम मौके से हट गई हालांकि मंगलवार को संभवतः 2 दिनों के भीतर जांच टीम को रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए गए। तहसील स्तरीय अधिकारियों में कुछ की भूमिका संदिग्ध होने की चर्चा जोर पकड़े रही। जिसके चलते इस मामले में जिले से भी टीम का गठन होने की बात भी सामने आ रही है। इस बीच प्लाटिंग कर रहे प्रापर्टी डीलर में हड़कंप मचा है। सूत्रों की माने तो वे भी सिस्टम में मजबूत पकड़ के चलते अधिकारियों से सांठ गांठ करने को प्रयासरत है।