कानपुर : मृदा उर्वरता बढ़ाने में जैविक खेती का विशेष योगदान : कुलपति  

कानपुर | सीएसए द्वारा संचालित थरियांव स्थिति कृषि विज्ञान केंद्र पर एक दिवसीय विशाल किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। किसान मेला का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ आनंद कुमार सिंह कुलपति द्वारा फीता काटकर किया गया तत्पश्चात उनके द्वारा मेले में 20से अधिक कृषि तकनीकी आधारित लगाई गई प्रदर्शनी के विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया गया। उन्होंने कृषि प्रदर्शनी में लगाई गई

सामग्रियों के बारे में जानकारी ली। तत्पश्चात मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन करके मेले का शुभारंभ किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि फतेहपर की कृषि पद्धति ऐसी है जिसमे विभिन्न फसल प्रणाली अपनाई जा सकती है जनपद में धान एवं गेंहू के अधिक उत्पादन लेने से निरंतर मृदा स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है

मृदा उर्वरता के साथ मानव स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहे। मेला में अधिक सख्या में उपस्थित महिलाओं से उन्होने कहा की पोषक रसोई बागवानी तैयार करें तथा सब्जी नियमित भोजन में शामिल करें। कुलपति ने मृदा स्वास्थ्य एवं टिकाऊ खेती पर विशेष चर्चा की। उन्होंने किसान भाईयों से कहा कि खेती में विज्ञान शामिल करते हुए आय परक खेती करें तथा निरंतर वैज्ञानिको के सम्पर्क रहें। कुलपति ने कहा की मेला समसामयिक थींम के साथ किया गया।

इस अवसर पर केंद्र की प्रभारी अधिकारी डॉक्टर साधना वैश द्वारा स्वागत भाषण व केंद्र की विभिन्न उपलब्धियां पर प्रकाश डाला गया। अपने उद्बोधन में निदेशक प्रसार डॉक्टर आरके यादव ने संतुलित खेती पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारी मृदा में जैव कार्बन की मात्रा बहुत कम हो चुकी है इसको सुधारना अति आवश्यक है। निदेशक शोध डॉ पीके सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत सब्जी की प्रजातियों के संरक्षित खेती द्वारा प्याज शिमला मिर्च आदि की खेती कर अधिक लाभ कमाया जा सकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय जनपद की कृषि पद्धति के अनुसार नवीन प्रजातियां निकल रहा है। निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र डॉ विजय कुमार यादव ने बताया कि बीजों का उत्पादन एक समूह बनाकर किया जाए जिससे बीजो में किसान स्वालंबी बन सके। अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉक्टर सी एल मौर्य ने कहा मृदा स्वास्थ्य हेतु गोबर की खाद,हरी खाद आदि का उपयोग करते हुए सुरक्षित एवं स्वस्थ उत्पादन लिया जा सकता है।

अन्त में कृषि विज्ञान केन्द्र पर स्थापित इकाइयो, सीड हब, क्राप कैफेटेरिया, प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। मेला का संचालन डॉ0 जितेन्द्र सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 संजय पाण्डेय ने किया। मेला के सफल आयोजन में केन्द्र के डॉ जगदीश किशोर, श्री विवेक दुबे, घनश्याम, वासीम खान, शैलेंद्र बाजपाई उपस्थित रहे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें