कानपुर। सर्वोच्च न्यायालय ने आगजनी के मुकदमे में फरार होने के दौरान फर्जी आधार कार्ड के सहारे हवाई यात्रा करने के मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि आवश्यक हो तो भविष्य में अभियुक्त जमानत के लिए फिर से नई अर्जी दे सकता है। संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि ग्वालटोली थाने में सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी ने अशरफ अली के नाम से कूटरचित आधार कार्ड बनवाया था।
इसके बाद अशरफ अली के नाम की टिकट पर दिल्ली से मुंबई तक की हवाई यात्रा की थी। अभियोजन और कानपुर पुलिस की मजबूत पैरवी के कारण इरफान सोलंकी की जमानत अर्जी उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है।
दरअसल,फर्जी आधार कार्ड रखने के मामले मे इरफान सोलंकी ने जमानत की मांग की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सपा विधायक को जमानत देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इरफान सोलंकी की याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस रविंद्र भट्ट और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। वहीं, सपा विधायक के ओर से वकील आर बसंत ने उनका पक्ष रखा। इरफान सोलंकी के अलावा उनके भाई रिजवान सोलंकी भी जेल में बंद हैं।
गौरतलब है कि फर्जी आधार कार्ड के सहारे इरफान ने फरारी के दौरान दिल्ली से मुंबई तक अशरफ अली बनकर हवाई यात्रा की थी। इस मामले में इरफान सोलंकी के खिलाफ ग्वालटोली थाने में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। इसके अलावा सपा विधायक पर महिला का घर फूंकने, गुंडा टैक्स मांगने का भी आरोप है। इरफान समेत पांच के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की भी एफआईआर दर्ज है। इरफान सोलंकी के साथ ही उनके भाई रिजवान सोलंकी भी जेल में बंद हैं।