अभिषेक त्रिपाठी
सरकार को लग रहा करोड़ों टैक्स का चूना, स्मगलिंग और टैक्सचोरी को मिल रहा बढ़ावा, मोबाइल के दुकानदारों समेत सैकड़ों व्यापारी बेरोजगारी के कगार पर, ऑनलाइन परचेजिंग में ग्राहकों को नकली से नुकसान भी
कानपुर। कानपुर में स्थित उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मोबाइल हैंडसेट बाजार औंधे मुंह गिर पड़ा है। जो बाजार एक साल पहले तक हर महीने 110 करोड़ रुपये तक की भारी बिक्री देता था…,,और जो बाजार 10 से 12 करोड़ रुपये टैक्स चुकाता था…,,कानपुर का वो मोबाइल बाजार आज भीषण मंदी की मार झेल रहा है। कभी सालाना 30 से 40 परसेंट बढ़ोत्तरी पाने वाले इस मोबाइल बाजार की कई प्रसिद्ध दुकानें अब बंदी की कगार पर हैं। इनसे मोबाइल खरीददारों ने मुंह फेर लिया है। ,,…और ये सब हुआ है अचानक चमके “ऑनलाइन खरीददारी” के ट्रेंड के कारण।
गली-कूचों में छुपे हैं ऑनलाइन माल के गोदाम
“ऑनलाइन उत्तर प्रदेश मोबाइल एसोसिएशन” के सचिव और “आल इंडिया मोबाइल एसोसिएशन” के संस्थापक सदस्य सुरेश सिंघवानी कहते हैं “टैक्स चोरी करने वाली ऑनलाइन कंपनियों के कारण आज कानपुर के मोबाइल मार्केट का बिजनेस 60 से 70 फीसदी तक गिर गया है”। उनके अनुसार ऑनलाइन बिक्री वाली कंपनियां ना तो कोई रजिस्ट्रेशन कराती हैं, ना उनको कोई लोकल टैक्स देना पड़ता है और ना ही जीएसटी देती हैं। शहरों के गली-कूचों में अपने स्टोर व गोदाम बनवाती हैं। आर्डर पर वहीं से माल उठवाकर कस्टमर एन्ड पर डिलीवरी और सप्लाई कर देती हैं। टैक्स डिपार्टमेंट को पता ही नहीं चल पाता कि किसने माल मंगाया? ..और किसको सप्लाई कर दिया गया? तो टैक्स लेने के लिए किसको पकड़ा जाए? इसलिये मोबाइल के दुकानदारों का धंधा मंदा होने से सरकार को टैक्स की भी चूना लग रहै है।
ऑनलाइन से ग्राहकों को लंबा चूना भी!
ऑनलाइन स्टोर्स से मोबाइल एक्सेसरीज और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम नकली भी मिल रहे हैं। लोगों के साथ बड़े स्टार पसर फ्रॉड हो रहा है। 90 परसेंट एक्सेसरीज फर्जी निकल रही हैं। मोबाइल के डिब्बे में कभी मूर्ति तो कभी साबुन निकल पड़ता है। ऐसे में ऑनलाइन खरीदारी करने वाला किसको पकड़े..,, कहां शिकायत कर?
सोमदत्त प्लाज़ा मोबाइल मार्केट पर बड़ा संकट
“सी.ए.आई.टी” और कानपुर उद्योग व्यापार मंडल के जोनल वाईस प्रेजिडेंट आलोक कैशिक कहते हैं कि मोबाइल बाजार समेत आम व्यापारी भी “ऑनलाइन सेल्स एन्ड सर्विस” पर सरकारी नियमन नहीं होने से नाराज है। ऑनलाइन बिज़नेस ने आम व्यापारी का धंधा चौपट कर दिया है। मोबाइल बाजार सालाना 40 लाख करोड़ से 20 लाख करोड़ के आसपास ही रह गया। ये सब ऑनलाइन के कारण हुआ। कानपुर में सोमदत्त प्लाज़ा और सागर मार्केट प्रदेश के सबसे बड़े मोबाइल मार्केट हैं। जिनमें अब सैकड़ों बड़ी मोबाइल शॉप्स बंदी के कगार पर हैं। इसके खिलाफ व्यापारी वर्ग 19 दिसंबर को दिल्ली में आंदोलन करने जा रहा है। कानपुर के मोबाइल कारोबारी भी जल्द बड़ा आंदोलन करेंगे।
ऐसे मिलता है स्मगलिंग और टैक्स चोरी को बढ़ावा
मोबाइल एसोसिएशन और व्यापारी संगठनों के दिग्गजोंनके अनुसार ऑनलाइन बिज़निस के ट्रेंड ने टैक्स चोरी के अलावा स्मगलिंग को भी खूब बढ़ावा दिया है। उदाहर के लिए गलियों में छुपे मोबाइल के गोदामों में भरा माल ट्रेनों और ट्रकों में दूसरे सामान के बीच चुरा-छुपा कर लाया जाता है। बाजार में डिमांड वाले मोबाइल के कुछ डिब्बे रेडीमड कपड़े के पैकेटों के बीच छुपा कर दिल्ली आदि से लाये जाते हैं। वहीं माइक्रो एसडी मेमोरी कार्ड जैसी महंगी, नन्ही कमोडिटी को किसी भी घरेलू साज-सामान के अंदर डाल कर ले आया जाता है। टैक्स चोरी के साथ ही कस्टमर को महंगा बेंचा कर डबल मुनाफा कमाया जाता है।
फर्जीवाड़े का ये है तरीका
शाओमी जैसे इन-डिमांड हैंडसेट्स तो पूरी तरह स्मगल करके लाये और बेंचे जा रहे हैं। घनी आबादी में लड़के एक कमरे में चार-पांच कम्प्यूटरों पर ढेरों अलग-लग फर्जी आईडी क्रिएट करते हैं। हर आईडी से एक या दो मोबाइल हैंडसेट ऑनलाइन बुक कर मंगाए जाते हैं।