घाटमपुर। नगर के बसंत विहार मोहल्ला निवासी मनोज साहू ने में बताया कि वह नगर के मंडी समिति में स्थित सब्जी की आढ़त चलाते है। उनके साथ आढ़त में उनका भाई प्रमोद साहू भी हाथ बटाता है। बीते दिनो 12 सितंबर को घाटमपुर पुलिस के दरोगा शुभम सिंह और हेड कांस्टेबल राजकिशोर उसकी आढ़त में आए और उसके भाई प्रमोद को पकड़कर चौकी ले गए।
जब वह कारण जानने पहुंचे तो पता चला की प्रमोद का गैर जमानती वारंट है आर्म्स एक्ट के मामले में जिसपर मनोज साहू ने पुलिस को बताया की वह प्रमोद कोई और है, उसके भाई प्रमोद साहू पर ऐसा कोई भी मुकदमा नहीं है। जिसके बाद पुलिस ने उससे पचास हजार रुपए की मांग की मांग पूरी न होने पर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। वह पुलिस को लगातार अपनी बेगुनाही का सबूत देता रहा पर पुलिस ने उसकी एक न सुनी।
वकील बना सहारा जमानत पर हुआ रिहा –
पीड़ित प्रमोद कुमार साहू के भाई मनोज ने बताया की वह पुलिस और कोर्ट के चक्कर काट रहा था, तभी उसकी मुलाकात नगर निवासी एक वकील से हुई। वकिल को मनोज साहू ने पूरी बात बताई जिसपर वकील ने उसके भाई को न्याय दिलाने के बाद जेल से बहार निकलने का आश्वासन दिया। लगभग दस दिन बाद प्रमोद साहू को कोर्ट से जमानत मिली। जिसके कुछ दिन बाद प्रमोद साहू ने उच्चाधिकारियों से मामले की शिकायत की है। जिसके बाद से लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रहीं हैं।
वकील बोला चार दिनों में पुलिस ने इतना प्रताड़ित किया कि अब कुछ बोलने को तैयार नहीं –
दैनिक भास्कर टीम ने प्रमोद साहू के वकील से फ़ोन पर बात की तो वकील साहब ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की प्रमोद साहू सीधा व्यक्ति है, वह मामले में सिर्फ इतना चाहता है कि पुलिस उसे कभी परेशान न करे। और उसे दोबारा जेल न जाना पड़े। वकील ने बताया की बीते चार दिनों ने पुलिस ने उसे इतना प्रताड़ित किया है की वह किसी से कुछ कहने को तैयार नहीं है। सूत्रों के मुताबिक़ पुलिस ने मनोज साहू को धमका कर मामले में समझौता करने का दबाव बनाया है। ताकि दोषी पुलिस कर्मियों को बचाया जा सके। पीड़ित अब वह मीडिया से दूरी बना रहा है।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश को लिखा पत्र, पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग –
दूसरे के वारंट में जेल गए पीड़ित प्रमोद साहू ने हाइकोर्ट ने न्यायधीश को पत्र लिखकर घाटमपुर पुलिस द्वारा उसे दूसरे के वारंट में जेल भेजने की बात बताई गईं है। लिखे गए पत्र में बताया कि वह चौकी पुलिस को अपनी बगुनाही का सबूत देते रहे। पर पुलिस ने उनकी एक न सुनी पुलिस ने उसे जेल न भेजने के ऐवज में पचास हजार रूपये की मांग की है, मांग पूरी न होने पर पुलिसकर्मियों ने उसे जेल भेज दिया था। हाईकोर्ट के न्यायाधीश को पत्र लिखकर दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।
Dainikbhaskarup.com अब WhatsApp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें
https://whatsapp.com/channel/0029Va6qmccKmCPR4tbuw90X