कानपुर। उलेमाओं ने जिलाअधिकारी को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया। बाटला हाउस मामले की एसआईटी जांच कर एनकाउंटर में मारे गए दोनों लड़कों के परिजनों को न्याय दिलाया जाए। साथ ही इसमें एक आईपीएस भी शहीद हुए थे, उनके परिजनों को भी न्याय मिले। राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग लगातार कर रही है। जिलाधिकारी कार्यालय में दोपहर 1 बजे पार्टी के लोग पहुंचे और बटला हाउस मामले में एसआईटी जांच करने की मांग की। राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के मीडिया प्रभारी ने बताया कि जब बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ था, तभी इसकी जांच होनी चाहिए। लेकिन तत्कालीन सरकार ने जांच नहीं कराई।
शायद वह अपने गृहमंत्री को बचाना चाहते थे, इसलिए जांच नहीं हो सकी। इस मामले में एनकाउंटर में मारे गए लड़कों के परिजनों को न्याय मिले। साथ ही शहीद आईपीएस को भी न्याय मिले। इसलिए बाटला हाउस एनकाउंटर की जांच एसआईटी से कराई जाए। इसकी मांग देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की गई है।अर्जी में घटना के दिन सात नवंबर 2022 को डायल 112 पर दी गई। घटना की सूचना के संबंध में लखनऊ स्थित डायल 112 के मुख्यालय से रिपोर्ट मंगाए जाने की मांग की गई थी।
चौथी अर्जी में मुकदमे की वादिनी नजीर फातिमा की बेटी कनीज जेहरा, मुकदमे के गवाह अकील अहमद व मो.नसीम और आरोपी इरफान व रिजवान सोलंकी के मोबाइल नंबरों की सात और आठ नवंबर 2022 की कॉल डिटेल रिपोर्ट और लोकेशन हिस्ट्री मोबाइल कंपनी व सर्विलांस विभाग के पूर्वी जोन के पुलिस उपायुक्त से मंगाने की मांग की गई थी।एडीजीसी भास्कर मिश्रा ने बताया कि अभियोजन की ओर से सभी अर्जियों पर आपत्ति जताई गई थी। मुकदमें को लंबित रखने के लिए अर्जियां देने की बात कही गई थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने पर्याप्त आधार न पाते हुए चारों अर्जियां खारिज कर दी हैं।