कानपुर : पति की लम्बी आयु के लिए महिलाओं ने रखा व्रत

सुबह से वट वृक्ष की पूजा करने पहुंची महिलाएं

घाटमपुर। नगर समेत क्षेत्र में सुबह से महिलाओं ने व्रत रख्खा है। यह पर महिलाओं ने सुबह से पहुंचकर वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर पति की लंबी उम्र की कामना की है। सावित्री को भारतीय संस्कृति में आदर्श नारी और पतिव्रता के लिए ऐतिहासिक चरित्र माना जाता है। पति के प्राणों की रक्षा के लिए वे यमराज के पीछे पड़ गईं और अपने पति को जीवनदान देने के लिए विवश कर दिया। इस वजह से हर वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है। हिंदू विवाहित महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए वट सावित्री का व्रत रखती हैं।

  • वट सावित्री व्रत व पूजा का महत्व

पतारा कस्बा निवासी अनीता सिंह, शालिनी सिंह, सरोज तिवारी आदि महिलाओं ने बताया कि पुराणों के अनुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों देवताओं का वास है। इसके नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा सुनने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान बुद्ध को इसी वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था। इसलिए वट वृक्ष को ज्ञान, निर्वाण व दीर्घायु का पूरक माना गया है।

  • कैसे होती है वट वृक्ष की पूजा

घाटमपुर नगर समेत पतारा, सजेतीं, भीतरगांव क्षेत्र में महिलाएं व्रत-पूजन कर कथा के साथ-साथ वट वृक्ष के आसपास सूत का धागा परिक्रमा के दौरान वट वृक्ष में लपेटती हैं, जिसे रक्षा कहा जाता है। साथ ही पूजन के बाद अपने पति को रोली और अक्षत् लगाकर चरणस्पर्श कर प्रसाद वितरित करती हैं।

खबरें और भी हैं...