अमेरिका के वर्जिनिया कोर्ट ने केंसास की निवासी एलिसन फ्लूक-एक्रेन को ISIS की मदद करने के लिए दोषी ठहराया है। ट्रायल के दौरान महिला ने स्वीकार किया कि उसने एक अमेरिकी कॉलेज पर हमले की साजिश में आतंकी संगठन की मदद की थी। इसके लिए उसने 100 से ज्यादा महिलाओं और लड़कियों को ट्रेनिंग भी दी थी।
सीरिया में महिला बटालियन को किया तैयार
कोर्ट की कार्यवाही में सामने आया, सीरिया में एलिसन को उम्म मुहम्मद अल-अमरीकी नाम दिया गया। सीरिया की राजधानी रक्का में एलिसन ने खातिबा नुसायबाह नाम की महिला बटालियन तैयार की। इस्लामिक स्टेट्स में उसकी प्राथमिक भूमिका महिलाओं और बच्चों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देना था। वह AK- 47 राइफल, ग्रेनेड और अन्य हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग दे चुकी है। हालांकि, कोर्ट में एलिसन ने कहा कि उसने संगठन में किसी को रिक्रूट नहीं किया है।
अमेरिका में हमले की योजना
कोर्ट में सामने आया – एलिसन ने अमेरिका में एक विश्वविद्यालय और शॉपिंग मॉल में हमले की योजना बनाई थी। एक गवाह के मुताबिक, कट्टरपंथी विचारों में एलिसन को 10 तक के पैमाने में 11 अंक मिले। वहीं, दूसरे गवाह ने कहा – एलिसन का मानना था कि अगर किसी हमले में ज्यादा संख्या में लोग नहीं मारे जाते, तो ये संसाधनों को बर्बाद करने के बराबर है।
एलिसन को 20 साल की सजा सुनाई जा सकती है
इस मामले में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होनी है। एलिसन को 20 साल की सजा सुनाई जा सकती है। उसका परिवार पहले भी कोर्ट से मांग कर चुका है कि एलिसन किसी भी तरह उनसे कॉन्टैक्ट न करे।
लीबिया के एक आतंकी संगठन का हिस्सा भी रह चुकी है
इस्लामिक स्टेट्स से जुड़ने से पहले 42 वर्षीय एलिसन पेशे से टीचर थी। साल 2011 में वह आतंकी संगठन से जुड़ने के लिए अमेरिका छोड़, मिस्र गई और फिर टर्की में रहने लगी। सीरिया में इस्लामिक स्टेट्स के साथ काम करने से पहले वह लीबिया में अंसार अल-शरिया नाम के आतंकी संगठन में थी। रिपोर्ट्स में सामने आया, उसका दूसरा पति अंसार अल-शरिया का सदस्य था। हालांकि, कुछ समय बाद उसका पति एक ऐर-स्ट्राइक में मारा गया।