करतारपुर कॉरिडोर: अमरिंदर व सुनील जाखड़ की नाम पट्टिका पर लगाई काली टेप

चंडीगढ़। भारत पाकिस्तान के बीच बनने वाले कॉरिडोर की आधारशिला कार्यक्रम से पहले उस समय हंगामा हो गया जब कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आधारशिला पर बादल का नाम देखा और वह भड़क गए। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर व सुनील जाखड़ की नाम पट्टिका पर काली टेप लगाई।

पंजाब के गुरदासपुर में आधारशिला रखे जाने से पहले ही करतारपुर कॉरिडोर राजनीति का शिकार हो गया। दरअसल, पंजाब सरकार में मंत्री एसएस रंधावा ने नींव के पत्थर पर अपने, मुख्यमंत्री और अन्य पंजाब के अन्य मंत्रियों के नाम पर काली टेप लगा दी। ये उन्होंने अपना विरोध जताने के लिए किया।

मंत्री ने कहा, ‘मैंने यह पत्थर पर प्रकाश सिंह और सुखबीर बादल के नामों के विरोध में किया। उनका नाम यहां क्यों है? वे कार्यकारी का हिस्सा नहीं हैं, न कि भाजपा-अकाली इवेंट है।’

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केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल पर निशाना साधते हुए सुखविंदर सिंह रंधावा ने कहा, ‘हरसिमरत कौर बादल ने नवजोत सिद्धू को ‘कौम का गद्दार’ कहा था, अब वह खुद पाकिस्तान जा रही है, वह किस चेहरे से जाएगी? अकाली दल जब सत्ता में था तब उन्होंने एक बार भी करतारपुर कॉरिडोर मुद्दा नहीं उठाया था।

डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक गलियारे बनाने का निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 22 नवंबर को लिया गया था। उसी दिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 28 नवंबर को करतारपुर गलियारे का शिलान्यास करेंगे।

इस कॉरिडोर से भारत के लाखों तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने की सुविधा मिलेगी, जहां गुरु नानक देव ने 18 साल बिताए थे। अगले वर्ष होने वाले गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर करतारपुर कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया है। करतारपुर साहिब वह जगह है, जहां 1539 में गुरु नानक जी के निधन के बाद पवित्र गुरुद्वारे का निर्माण कराया गया था।

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