
पुलिस अधिकारियों ने सूक्ष्म जांच कराई तो चरवा कोतवाल पर गाज गिरना तय है लेकिन योगीराज में मनमानी पर उतारू हो चुकी पुलिस के कारनामों की क्या निष्पक्ष जांच हो पाएगी
कौशांबी चरवा थाने की पुलिस का खेल भी निराला है पुलिस मैनुअल में 24 घंटे से अधिक आरोपी की गिरफ्तारी पर पूरी तरह से प्रतिबंध है पुलिस कानून की बात करें तो गिरफ्तारी से 24 घंटे के अंदर आरोपी को अदालत में भेजना ही होगा लेकिन शनिवार की रात 11:00 बजे चरवा थाना के काजू गांव में भाजपा नेता के घर 70 की संख्या में अराजक तत्वों ने असलहों से लैस होकर भाजपा नेता के घर जमकर फायरिंग की इस मामले में अराजक तत्वों की गिरफ्तारी तो पुलिस नहीं कर सकी लेकिन शनिवार की रात 11 बज कर 15 मिनट पर चरवा थाना पुलिस ने भाजपा नेता और उनके भाइयों को गिरफ्तार कर पुलिस ने हवालात में डाल दिया शनिवार की रात गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने भाजपा नेताओं का चालान रविवार को नहीं किया 24 घंटे का समय बीत गया 40 घंटे व्यतीत होने के बाद चरवा पुलिस ने भाजपा नेता उमेश केसरवानी और उनके भाई का अदालत में चालान सोमवार की शाम 4:30 बजे किया है
अब कानून नियम कायदे की बात करें तो पुलिस ने पहली भूल की निर्दोष भाजपा नेताओं को गिरफ्तारी करके और फिर दूसरी भूल पुलिस ने की उन्हें 40 घंटे तक पुलिस हिरासत में रखने के बाद 40 घंटे बाद सोमवार की शाम साढ़े चार बजे भाजपा नेता उमेश केसरवानी और उनके भाई को पुलिस ने अदालत में पेश कर दिया है पुलिस की भूल का सिलसिला यहीं नहीं खत्म होता है भाजपा नेता को हिरासत में लेने के बाद चरवा थाने के एक उपनिरीक्षक में बड़ी बेरहमी से उन्हें लाठियों से पीटा है कानून का उल्लंघन कर जंगल राज बना चरवा थाने की पुलिस ने भाजपा नेता को थाने के अंदर लाठियों से पीटा है जो यह भी पुलिस की एक बड़ी भूल है इस मामले के बाद अभी तक चरवा पुलिस ने एक फिर भूल कर दी है जिन 70 अराजक तत्वों हमलावरों ने भाजपा नेता के घर दर्जनों राउंड फायरिंग की आधी रात को अराजक तत्वों ने भाजपा नेता के घर जमकर तांडव किया उन अराजक तत्वों के लाइसेंसी राइफल और नाजायज असलहो की बरामदगी अभी तक पुलिस ने नहीं की है जबकि इस मामले के अराजक तत्व थाने में घूमते देखे जाते हैं नियम विरुद्ध 40 घंटे तक भाजपा नेता और उनके भाई को हिरासत में रखने के मामले में यदि पुलिस अधिकारियों ने सूक्ष्म जांच कराई तो चरवा कोतवाल पर गाज गिरना तय है लेकिन योगीराज में मनमानी पर उतारू हो चुकी पुलिस के कारनामों की क्या निष्पक्ष जांच हो पाएगी
डीजीपी और अपर पुलिस महानिदेशक के निर्देशों का पालन नहीं कर रही नागरिक पुलिस
कौशांबी पड़ोसी जनपदों में निवास होना या पड़ोसी जनपद में संपत्तिया होने पर पुलिस निरीक्षक उपनिरीक्षक सिपाही की तैनाती नहीं हो सकती है कोतवाल संत शरण की प्रॉपर्टी इलाहाबाद शहर में है चरवा कोतवाल फिर संत शरण और इनका परिवार इलाहाबाद में रहता है इस बात को पुलिस महकमे के अधिकारी भी जानते हैं डीजीपी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सीमावर्ती जिलों में नागरिक पुलिस की तैनाती नहीं होगी और जिन की तैनाती सीमावर्ती जिले में हो गई है उन्हें जिले से हटाया जाए इसके लिए पुलिस अधीक्षक से अपर पुलिस महानिदेशक द्वारा लिस्ट भी मांगी गई है लेकिन चरवा कोतवाल सराय अकिल कोतवाल का पड़ोसी जनपद में आवास होने के बाद जिले से इनका स्थानांतरण नहीं हो सका है कोखराज कोतवाल मूरतगंज चौकी इंचार्ज सहित तमाम थानेदारों और उप निरीक्षकों का स्थानांतरण इसी आधार पर कौशांबी से पूर्व में किया भी गया था लेकिन उनकी जिले से रवानगी नहीं हो सकी है यह कहा जाए कि जिले में डीजीपी और अपर पुलिस महानिदेशक के निर्देशों का पालन नागरिक पुलिस नहीं कर रहे।















