कौशाम्बी : दोषी ग्राम प्रधानों पर कार्यवाही होती देख डीपीआरओ को क्यों होती है इतनी पीड़ा


जांच में दोषी पाए गए ढाई दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में करोड़ों की रकम की वसूली में वर्षों से फाइल फांक रही धूल

*कौशाम्बी।**ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के नाम पर  सरकारी रकम में हेराफेरी के मामले की ढाई दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में रकम गबन का आरोप जांच में पुष्टि होने के बाद भी वर्षों से फाइलों पर कार्यवाही नहीं हुई है जिससे करोड़ो की सरकारी रकम हजम करने वाले मौज कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामले में जांच अधिकारियों ने ग्राम पंचायतों को दोषी पाया है और रकम की वसूली कराए जाने और मुकदमा दर्ज कराए जाने के लिए पत्रावली जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय भेजी है लेकिन डीपीआरओ कार्यालय में आरोपों की फाइल गुम हो गई है जिसके चलते वर्षो बीत जाने के बाद भी दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो सकी है। शासन ने जिन्हे सरकारी खजाने की चौकीदारी की जिम्मेदारी सौपी है वही लुटेरो के संरक्षण दाता बन चुके है।


ऐसी स्थिति में जिले में सरकारी खजाने कैसे सुरक्षित रहेगें। यह जिले की व्यवस्था पर बडा सवाल है लेकिन खजाना लूटने वाले इन सरकारी लुटेरो पर कार्यवाही करने के बजाय उन्हे संरक्षण देने वाले विकास भवन के अधिकारियो पर कार्यवाही के लिए अभी तक डीएम कमिश्नर ने भी शासन को पत्र लिखकर इन्हे दंडित कराने का प्रयास नही किया है जिससे जिले में सरकारी खजाना बेखौफ तरीके से लूट कर लुटेरे मौज कर रहे है। मामला ग्राम पंचायत के विकास कार्यो से जुडा है। जिले में ग्राम पंचायतो में भेजे जाने वाले विकास कार्यो के करोडो के रकम में हेरा फेरी घोटाला फर्जी तरीके से भुगतान किये जाने का मामला आम हो गया।


इस मामले में ग्राम पंचायत अधिकारी ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान पूरी तरह से दोषी है। जिले के ढोकसहा मेडरहा बाराताफारिक देवखरपुर भदवा मलाक रेजमा ढेकहाई भकन्दा सहित विभिन्न ग्राम पंचायतो में सरकारी धन लूटने का अरोप है। जिसकी जॉच के दौरान पुष्टि भी हो चुकी है आकडो पर जाये तो ढाई दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतो के बीच बारह करोड से अधिक की सरकारी रकम सम्पत्ति लुट चुकी है। जिले में बारह करोड से अधिक की सरकारी रकम लुट जाने के बाद वर्षो से जॉच को चकर घिन्नी की तरह इधर उधर घुमाकर लुटेरो को बचाने का प्रयास जिम्मेदार अधिकारियो द्वारा किया जा रहा है।


 लेकिन सरकारी खजाने के रक्षक जिला पंचायत राज अधिकारी इन लुटेरो को निलंम्बित कर इनकी गिरफ्तारी कराकर इन्हे जेल भेज कर इनसे सरकारी धन की रिकवरी कराने के बजाय इन लुटेरो के संरक्षण दाता बन चुके है जिससे जिले में सरकारी खजाना सुरक्षित नही रह गया है और यदि शासन ने खजाने के सुरक्षा में लगाये गये अधिकारियो के इस कृत्य की जॉच करायी तो लुटेरो को संरक्षण देने के आरोप पर जिला पंचायतराज अधिकारी पर निलंबन की गाज गिर सकती है। लेकिन क्या योगी राज में लुटेरो को संरक्षण देने वाले इन अधिकारियो की नकेल कसी जायेगी यह बडा सवाल है। इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने मामले में कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया है।


*योगीराज में मौज कर रहा लुटेरा डीपीआरओ*
। भाजपा की योगी सरकार में जिला पंचायत राज  अधिकारी  कौशाम्बी गोपाल जी ओझा के समय में शौचालय निर्माण और विकास कार्यों के नाम पर सरकारी खजाने लूट लिए गए हैं। जिसकी पुष्टि ढाई दर्जन गांव के जांच रिपोर्ट में हुआ है। सरकारी खजाना लूटने वाले इन जिम्मेदारों के बचाव में डीपीआरओ उतर चुके हैं लेकिन लुटेरे डीपीआरओ पर योगी सरकार के अधिकारी मेहरबान हैं। आखिर लुटेरे डीपीआरओ पर कार्रवाई करते हुए इनको गिरफ्तार कर कब जेल भेजा जाएगा।

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