
पवन पुंढीर/दैनिक भास्कर
हाथरस/सिकंदराराव। गांव बाड़ी में एक कवि सम्मेलन का आयोजन हिंदी प्रोत्साहित समिति एवं श्रीकृष्ण कुसुम सेवा समिति बाड़ी के सहयोग से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक वीरेन्द्र सिंह राणा द्वारा मां सरस्वती एवं हनुमान जी के छवि चित्रों पर माल्यार्पण कर किया गया।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता समाजसेवी जयपाल सिंह चौहान ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में धर्मेंद्र सिंह पीलू भैया ब्लाक प्रमुख हसायन एवं डाँ रामकुमार शर्मा भाजपा नेता रहे।
बाल कवयित्री कुमारी उन्नति भारद्वाज की सरस्वती वंदना के बाद युवा कवि राणा मुनी प्रताप सिसोदिया ने पढ़ा- ” प्रारंभ किया है गर तुमने तो खत्म हमें करना होगा।
आतंक मचाने वालों में भूसा हमको भरना होगा।
वहीं सोरों से पधारे गीतकार मनोज मधुवन ने मधुर गीत पढ़कर समां बांध दिया।
वहीं कवयित्री गीता सिंह गीत ने पढ़ा-” नदी की तेज धारा में किनारे टूट जाते हैं। समय जब भी बुरा होता है अपने छूट जाते हैं।
एटा के कवि राजकुमार गुप्ता भरत ने पढ़ा- लंबे लंबे बाल हैं फिर भी गायब सर से चोटी।
छोटी शर्ट और जींस पहनें ना कुर्ता है ना धोती।
सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार देवेन्द्र दीक्षित शूल ने व्यंग्य कसा- “जिसकी आत्मा जितनी अधिक कारी है ।
वह उतना ही बड़ा अधिकारी है।और जो विकास के खंड- खंड कर दे, वह खंड विकास अधिकारी है।”
हाथरस के हास्य कवि अनिल बोहरे ने तीन शब्दों से तत्काल कविता बनाकर श्रोताओं को चमत्कृत किया।
अंडला के कवि मणि मधुकर मूसल ने श्रोताओं को खूब हंसाया।
कुमारी उन्नति भारद्वाज ने यूं पढ़ा-‘” भारत का खाते पीते हैं गाते गीत विरोधी के,
आस्तीन के सांपों को अब घर से मार भगाओ तुम।
उमेश अंगारक के व्यंग्य खूब सराहे गए, वही बाड़ी के कवि श्रीपाल शौकिया ने भी काव्य पाठ किया।
कवि देवेश सिसोदिया की सजलें भी खूब सुनीं गईं।
कार्यक्रम के आयोजक रविकांत उपाध्याय, राम कुमार जादौन, मयंक भारद्वाज, निशू पंडित, रूपेंद्र उपाध्याय, रौनक शर्मा, सोनू भारद्वाज, राहुल उपाध्याय , रवि जादोंन, हरेंद्र सिसोदिया, अशोक शर्मा व लालू पंडित ने अतिथियों व कवियों का सम्मान किया।
प्राथमिक संचालन कार्यक्रम के संयोजक डॉ अरविंद भारद्वाज प्राचार्य ने किया। उसके बाद देवेंद्र दीक्षित शूल व राणा मुनि प्रताप सिसोदिया द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
इस अवसर पर सत्येंद्र उपाध्याय पोरा, उमेश चंद्र जादौन अंगारक, राकेश सिंह, वीरेश कुमार शर्मा, प्रवीन जादोंन, श्रीपाल सौकिया की उपस्थिति प्रमुख रही।
पोरा के समाजसेवी सत्येंद्र उपाध्याय ने सभी कवियों की कविताओं को सराहते हुए धन्यवाद दिया।