Seema Pal
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजस्थान में जाट समुदाय के लिए आरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। इस पत्र में केजरीवाल ने राजस्थान सरकार द्वारा जाट समुदाय को अनुसूचित जाति (SC) में आरक्षण देने के फैसले का उल्लेख किया और सवाल उठाया कि जब राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिया जा सकता है, तो दिल्ली में क्यों नहीं। केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली में जाटों की संख्या बड़ी है, लेकिन यहां उनके लिए कोई विशेष आरक्षण नहीं है।
केजरीवाल का यह बयान राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली में जाट समुदाय की राजनीतिक ताकत को ध्यान में रखते हुए, केजरीवाल ने इसे एक तात्कालिक मुद्दा बनाने की कोशिश की है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इस मुद्दे पर स्पष्टता और कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही, केजरीवाल ने यह भी कहा कि जाट समुदाय के लिए आरक्षण की बहस केवल एक राज्य तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीरता से उठाना चाहिए।
राजस्थान में जाट समुदाय के लिए आरक्षण का फैसला राज्य सरकार ने हाल ही में लिया था, और इस पर केंद्र सरकार से भी सहमति मिली थी। इस फैसले ने राज्य में जाटों के बीच एक सकारात्मक प्रतिक्रिया पैदा की है, जबकि दिल्ली में इस समुदाय के लिए आरक्षण की कमी को लेकर लंबे समय से शिकायतें रही हैं।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देशभर में समान रूप से जाति आधारित आरक्षण की नीति लागू की जाए, और कोई समुदाय इससे वंचित न रहे। यह चिट्ठी केजरीवाल की राजनीति में जाट समुदाय को एक मजबूत सहयोगी बनाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है, खासकर राजस्थान जैसे चुनावी राज्य में, जहां जाट समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है।