नई दिल्ली : पंजाब में बड़ी जीत के बाद आम आदमी पार्टी अब तेलंगाना की ओर देख रही है। आप नेता भी इस बात के संकेत दे चुके हैं कि पार्टी का नया सियासी लक्ष्य दक्षिण भारतीय राज्य होगा। खास बात है कि आप के इस कदम से राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के तीसरे मोर्चे की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। कहा जा रहा है कि तेलंगाना राष्ट्र समिति के केसीआर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। तेलंगाना में आप के नेता पार्टी को मजबूत करने और कैडर बढ़ाने पर ध्यान लगा रहे हैं। आप के वरिष्ठ नेता बुर्रा रामू गौड़ ने आप और सीएम केसीआर के बीच गठबंधन की संभावनाओं से भी इनकार कर दिया है। उन्होंने इसे अटकलें बताया और कहा, ‘हमारे नेतृत्व ने न ही दिलचस्पी दिखाई और न ही किसी भी मोर्चे को लेकर किसी टीआरएस नेता को अपाइंटमेंट दिया। मार्च के पहले सप्ताह में केसीआर और आप के राष्ट्रीय संयोजकर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच बैठक तय थी।
इससे पहले केसीआर तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, झारखंड और महाराष्ट्र और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया से मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि, टीएनएम के अनुसार, पार्टी सूत्रों ने केजरीवाल और केसीआर के बीच बैठक टलने की बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उस दिन ऐसी कोई बैठक निर्धारित नहीं थी और उस दिन उनके नेता का हेल्थ चेकअप हुआ था। आप का राष्ट्रीय नेतृत्व की तरफ से पहले ही संकेत दिए जा चुके हैं कि पार्टी की नजरें अब तेलंगाना पर है। साथ ही वह सत्तारूड़ टीआरएस का मुकाबला करेगी। हाल ही में एक प्रेस वार्ता के दौरान आप के दक्षिण भारत के प्रभारी और दिल्ली विधायक सोमनाथ भारती ने केसीआर को ‘भ्रष्टाचार का मसीहा’ बताया था। उन्होंने आरोप लगाए थे कि केसीआर खुद भी भ्रष्टाचार में शामिल हैं।