मल्लिकार्जुन खड़गे आधिकारिक तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष बन गए हैं। AICC मुख्यालय दिल्ली में चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री ने उन्हें जीत का प्रमाण पत्र सौंपा। अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले भाषण में खड़गे ने पार्टी में 50 फीसदी पद 50 साल से कम उम्र के लोगों को देने का ऐलान किया। खड़गे ने कहा- उदयपुर अधिवेशन में पार्टी के 50% पद 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिए जाने के प्रस्ताव पर अमल किया जाएगा।
भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे पर तंज कसते हुए खड़गे ने कहा- अपने मुताबिक नया भारत बनाने के नाम पर वे कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का नारा देते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि जब तक कांग्रेस मौजूद है, तब तक वे ऐसा नहीं कर सकते। हम ऐसा नहीं होने देंगे और इसके लिए लगातार लड़ाई जारी रखेंगे।
खड़गे बोले- लोकतंत्र को बदलने की कोशिश की जा रही
खड़गे ने कहा- आज मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। आज एक सामान्य कार्यकर्ता को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुनकर ये सम्मान देने के लिए मैं आप सबको हार्दिक धन्यवाद देता हूं। कांग्रेस झूठ और नफरत का दायरा तोड़ेगी। लोगों से अपील है कि वे पार्टी के लिए नहीं, बल्कि लोकतंत्र को बचाने के लिए साथ आएं।
खड़गे ने कहा कि मैं जानता हूं कि यह कठिन समय है, कांग्रेस ने जिस लोकतंत्र की स्थापना की थी, उसे बदलने की कोशिश की जा रही है। भारत जोड़ो यात्रा के लिए राहुल गांधी को धन्यवाद, इससे पूरे देश में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है।
सोनिया बोलीं- पद छोड़कर राहत मिली
इस मौके पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी ने कहा कि खड़गे को अध्यक्ष पद की कमान सौंपकर वे राहत महसूस कर रही हैं। उनके सिर से बड़ा बोझ उतर गया है। उन्होंने कहा- मैं नए पार्टी अध्यक्ष खड़गे जी को बधाई देती हूं। सबसे अधिक संतोष इस बात का है कि जिन्हें अध्यक्ष चुना है, वे एक अनुभवी और धरती से जुड़े हुए नेता हैं। एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करते हुए अपनी मेहनत और समर्पण से इस ऊंचाई तक पहुंचे हैं। सोनिया ने अपने कार्यकाल के लिए कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद भी दिया।
गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों को नमन किया
कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के लिए AICC मुख्यालय पहुंचने से पहले खड़गे ने राजघाट में गांधीजी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की समाधि पर गए। इस तरह खड़गे ने पद संभालने से पहले गांधीजी के साथ कांग्रेस की तीन पीढ़ियों को नमन किया। AICC पहुंचने पर सोनिया और राहुल ने मंच पर खड़गे को गुलदस्ता सौंपकर उनका स्वागत किया।
खड़गे ने पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री और दलित नेता बाबू जगजीवन राम की समाधि पर भी फूल चढ़ाए। खड़गे ने मंगलवार शाम को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की थी। AICC हेडक्वार्टर में शपथ के लिए सुबह 10 बजे का समय तय किया गया था। इसमें थोड़ी देर हुई है।
सोनिया के बाद सबसे बड़े अंतर से जीते खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के नतीजों में मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को 6825 वोट से हराया है। खड़गे को 7897 वोट मिले, वहीं थरूर को 1072 वोट ही मिल सके। इस चुनाव में जीत के साथ ही खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले 65वें नेता हो गए हैं। वे बाबू जगजीवन राम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हैं। इसके अलावा वे कर्नाटक से इस पद को संभालने वाले दूसरे नेता भी हैं।
पार्टी संभालने और चुनाव जीतने की चुनौती
खड़गे की जीत जितनी बड़ी है, उतनी ही बड़ी चुनौतियां भी उनके सामने हैं। वे जिस समय पार्टी आलाकमान की जिम्मेदारी लेने आगे आए हैं, तब केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की सरकार बची है। वहीं, झारखंड और तमिलनाडु में पार्टी गठबंधन सरकार में शामिल है, लेकिन मुख्यमंत्री दूसरे दलों के हैं।
खड़गे जब अध्यक्ष बने हैं तो इसी साल हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं। वहीं, अगले साल यानी 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत 10 राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में खड़गे के सामने पार्टी को एकजुट करने और चुनाव मैदान में बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती होगी।
कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि ये संगठन का चुनाव है, हमारे घर का मामला है। हर कोई किसी को भी वोट देने के लिए स्वतंत्र है। लोगों ने मेरा समर्थन किया और मैं उम्मीदवार हूं। कांग्रेस जैसा विशाल संगठन चलाने के लिए गांधी परिवार का मार्गदर्शन चाहिए। अगर कोई कहता है कि उन्हें छोड़कर पार्टी को चलाया जा सकता है तो यह असंभव है।
80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे 137 पुरानी पार्टी कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन गए हैं। उन्होंने शशि थरूर को 6,825 वोट से हराया। 9 बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके खड़गे 1972 में पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे। तब से सिर्फ एक बार 2019 का लोकसभा चुनाव हारे। एक मौका ऐसा भी आया, जब उन्होंने अपने दोस्त के लिए CM पद की दावेदारी छोड़ दी।