धनतेरस की धन्वंतरि पूजा और यम दीपदान का जानिए क्या है सही मुहूर्त

आज शाम 6 बजे से धनतेरस शुरू हो रही है और कल शाम 6 बजे तक रहेगी। इस कारण ये त्योहार 22 और 23 दोनों दिन मनेगा। आज शाम धन्वंतरि पूजा और यम दीपदान के लिए 1-1 मुहूर्त रहेंगे और खरीदारी के लिए पूरा दिन शुभ रहेगा। दिन में त्रिपुष्कर योग बन रहा है, मान्यता है कि इस योग में किए गए कामों का 3 गुना फल मिलता है, जैसे अगर आप कोई बिजनेस शुरू करते हैं, तो उसमें तीन गुना फायदा कमाने के योग बन सकते हैं।

23 को भी पूरे दिन सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। इसलिए हर तरह की खरीदारी, निवेश और नई शुरुआत के लिए पूरे दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे। इस तरह धनतेरस 22 और 23 दोनों दिन मनेगी।

जानिए 22 अक्टूबर के शुभ मुहूर्त…

धनतेरस पर सोना-चांदी और बर्तन खरीदने की परंपरा भी है। इस दिन शाम को प्रदोष काल में भगवान धन्वंतरि के साथ कुबेर और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। अकाल मृत्यु से बचने और अच्छी सेहत की कामना से घर के बाहर यमराज के लिए दक्षिण दिशा में एक बत्ती का दीपक जलाया जाता है।

सेहत सबसे बड़ा धन इसलिए धन्वंतरि की पूजा

आमतौर पर लोग धनतेरस को पैसों से जोड़कर देखते हैं लेकिन ये आरोग्य नाम के धन का पर्व है। पूरे साल अच्छी सेहत के लिए इस दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि की पूजा होती है। विष्णु पुराण में निरोगी काया को ही सबसे बड़ा धन माना गया है। सेहत ही ठीक न हो तो पैसों का सुख महसूस नहीं होता इसलिए धन्वंतरि पूजा की परंपरा शुरू हुई।

पौराणिक कथा के मुताबिक, समुद्र मंथन के वक्त शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक महीने की बारहवीं तिथि को कामधेनु गाय और अगले दिन यानी त्रयोदशी पर धन्वंतरि हाथ में सोने का कलश लेकर प्रकट हुए। जिसमें अमृत भरा हुआ था। उनके दूसरे हाथ में औषधियां थी और उन्होंने संसार को अमृत और आयुर्वेद का ज्ञान दिया। यही वजह है कि इस दिन आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की पूजा की जाती है। पुराणों में इन्हें भगवान विष्णु का अंशावतार भी माना गया है।

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