नई दिल्ली
कोरोना संक्रण को रोकने के लिए देश में 24 मार्च से 17 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है। हालांकि इस लॉकडाउन से देश को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है, साथ ही लोगों के रोजगार भी छिन गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर 17 मई के बाद सरकार क्या कदम उठाने वाली है? क्या अब लॉकडाउन को खत्म किया जाएगा या प्रतिबंध अब भी जारी रहेंगे? सूत्रों के मुताबिक सरकार अब पूरे जिले या शहर में प्रतिबंध लगाने की जगह केवल हॉटस्पॉट को ही सील करेगी।
मजदूरों की कमी से नहीं हो पा रही मैन्युफैक्चरिंग
कोरोना संकट के इस समय में आर्थिक गतिविधियों को गति देने का यही तरीका जानकार भी बता रहे हैं कि कन्टेनमेंट जोन के अलावा बाकी जगहों पर आर्थिक गतिविधियां शुरू कर दी जाएं। सरकार पहले भी इकॉनमी को रफ्तार देने के लिए कई तरह की ढील दे चुकी है। इसमें निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग और रीटेल ऐक्टिविटीज शामिल हैं। कुछ राज्यों ने कोविड को फैलने से रोकने के लिए बड़े हिस्से में प्रतिबंध लागू किए हैं। मजदूरों की कमी की वजह से भी कई जगहों पर आर्थिक गतिविधियां शुरू नहीं हो पा रही हैं।
सूत्रों का कहना है कि मजदूरों की कमी, मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट की वजह से गुड्स मूवमेंट भी ज्यादा नहीं हो रहा है। लॉकडाउन शुरू होने से पहले 22 लाख तक ई-वे बिल कटते थे जो कि अब महज 6 लाख रह गए हैं। लॉकडाउन की शुरुआत में तो यह संख्या महज 3.2 लाख ही रह गई थी। पिछले तीन सप्ताह में दोगुने की वृद्धि दर्ज की गई है। यह एक सकारात्मक संकेत है।
मुख्यमंत्रियों संग पीएम मोदी की बैठक
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आगे की योजना पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। इसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जा सकती है। यह लॉकडाउन का तीसरा चरण है। इससे पहले भी मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की वकालत की थी। माना जा रहा है कि अब भी कई राज्य इसे बढ़ाने के पक्ष में हैं। वहीं तेलंगाना पहले ही 29 मई तक लॉकडाउन बढ़ा चुका है।
लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना के केस
देश में अब तक कोरोना के 62939 केस आ चुके हैं। वहीं 2109 लोगों ने दम तोड़ दिया है। राहत की बात यह है कि 19358 लोगों को संक्रमण से मुक्ति भी मिली है। इस समय रोज 3 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। पिछले पांच दिनों में ही मरीजों का आंकड़ा 40 हजार से 60 हजार तक जा पहुंचा। इसलिए बढ़ता संक्रमण अब भी केंद्र और राज्य सरकार की चिंता का सबब बना हुआ है।