
वैसे तो वंसत पंचमी का पर्व पूरे देश में मनाया जाता है। आगरा के दयालबाग में वसंत पंचमी का विशेष महत्व है। राधास्वामी सतसंग मत वसंत पंचमी को ही उद्घाटित हुआ था। इसके अलावा वसंत पंचमी के दिन ही दयालबाग की नींव रखी गई थी। इस वसंत दयालबाग 107 साल का हो जाएगा। वसंत को लेकर दयालबाग में कई दिनों पहले से तैयारी शुरू हो जाती हैं। पूरा दयालबाग वसंती रंग में रंगा हुआ है।
204 संवत वर्ष में पहुंचा सतसंग
राधास्वामी मत को मनाने वाले अनुयायी पूरी दुनिया में हैं। आगरा का दयालबाग इस मत का केंद्र है। 1861 में वसंत पंचमी के दिन हुजूर स्वामीजी महाराज ने सबसे पहले पन्नी गली में सर्वसाधारण के लिए सतसंग शुरू किया था। इसी दिन राधास्वामी मत उद्घाटित हुआ।
वसंत के दिन ही 20 जनवरी 1915 को राधास्वामी मत के पांचवें आचार्य हुजूर साहब जी महाराज ने ‘मुबारक कुएं’ के पास शहतूत के पौधे का रोपण कर दयालबाग कालोनी की नींव रखी थी । उन्होंने हर इसका नाम ‘दयालबाग’ रखा था। वसंत पर दयालबाग कालोनी को 107 साल पूरे हो जाएंगे। वहीं, राधास्वामी मत निरन्तर प्रगति करते हुए 204 संवत वर्ष में पहुंच गया है।

ये है मुबारक कुएं का महत्व
दयालबाग में मुबारक कुएं का अलग महत्व व इतिहास है। स्वामीजी महाराज सुबह जब घूमने जाया करते थे तो वो दातून करने के बाद मुबारक कुएं के पानी का प्रयोग करते थे। राधास्वामी मत के दूसरे आचार्य (संत सतगुरु) कुएं से पानी खींचकर हुजूर स्वामीजी महाराज की सेवा में पेश करते थे।
उस समय कुएं के आस-पास ऊंचे-ऊंचे टीले और कंटीली झाड़िया थीं। इस परिसर में ‘मुबारक कुआं’ और ‘शहतूत का पेड़’ आज भी संरक्षित है। उस समय मुबारक कुएं के पास ऊंचे-ऊंचे टीले और कटीलीं झाड़ियां हुआ करती थीं। मगर आज यहां पर 1200 एकड़ जमीन पर हरे-भरे खेत लहलहा रहे हैं।

वसंती रंग में रंगा दयालबाग
वंसत के लिए दयालबाग में कई दिनों पहले तैयारी शुरू हो जाती है। वसंत को लेकर दयालबाग राधास्वामी सत्संग सभा की सभी कालोनियों को पीले रंग से सजाया गया है। हर कूचा, हर गली बस पीत रंग से सज रही है। इस सजावट के लिए तैयारियां एक- दो दिन पहले नहीं, बल्कि तीन से चार महीने पहले शुरू हो जाती हैं।
वसंत पर घरों के बाहर क्यारी और गमलों में पीले फूल लहलहाएं, इसलिए तीन महीने पहले नए पौधे रोपे जाते हैं। इस वक्त यदि दयालबाग की राधानगर, स्वामी नगर, प्रेम नगर और दयालनगर कालोनी में प्रवेश किया जाए तो पीत रंग से सजा सुनहरा आंगन आपका स्वागत करेगा। हर ओर पीले-पीले फूल। ऐसा कोई घर नहीं, जिसके बाहर फूल न खिल रहे हों।
कल खेतों में होगा कार्यक्रम
वसंतोत्सव मनाने के लिए देश-विदेश से सत्संगी दयालबाग आते हैं। पांच फरवरी को खेतों में वसंत पर कार्यक्रम होगा। सुबह खेतों में सतसंग के साथ शब्द पाठ होगा। इस कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट सभी सत्संग की ब्रांचों में किया जाएगा। तीन दिन तक वसंतोत्सव मनाया जाता है। इसमें बेबी शो, जिमनास्टिक की प्रतियोगिता होती हैं।