दैनिक भास्कर ब्यूरो
कसया,कुशीनगर। उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राम औतार सिंह तथा सदस्य महेंद्र कुमार, बृजेश कुमार सोनी व संतोष कुमार विश्वकर्मा ने स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधियों से बैठक कर यहां की तकनीकी दिक्कतों से रूबरू हुए। साथ ही विभिन्न आपत्तियों के संबंध में चक्रानुक्रम का नियम, सर्वे, आबादी के लिहाज से आरक्षण के संबंध में जनप्रतिनिधियों के संशय का समाधान किया। उक्त संबंध में स्थानीय एक होटल में प्रशासनिक अफसरों व पिछड़ा वर्ग से जुड़े जनप्रतिनिधियों से बैठक में आयोग के अध्यक्ष न्याय मूर्ति राम अवतार सिंह ने आयोग के दायित्व का निर्वहन किया।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का कुशीनगर दौरा
उन्होंने कहा कि प्राप्त प्रत्यावेदनों के आधार पर तथ्यों का नियम सम्यक परीक्षण कर संस्तुति की जाएगी। उन्होंने नगर निकायों में संवैधानिक प्राविधानों के अंतर्गत दिए जा रहे आरक्षण पर संक्षिप्त प्रकाश भी डाला और आयोग गठन की पृष्ठिभूमि एवं उद्देश्य से अवगत कराया। नगरपालिका व नगर पंचायत से आये जनप्रतिनिधियों ने आयोग के समक्ष अपनी अपनी आपत्तियां रखीं। आयोग द्वारा उनकी आपत्तियों का निराकरण किया गया।
आवेदन भी स्वीकार किए गए। इस क्रम में आपत्तियों के संबंध में आपत्तिकर्ताओं की जिज्ञासाएँ भी शांत की गई। आयोग द्वारा चक्रानुक्रम का नियम, सर्वे, आबादी के सापेक्ष पिछड़ा वर्ग आरक्षण की प्रतिशतता, रैपिड सर्वे आदि के संदर्भ में जनप्रतिनिधियों के जिज्ञासाओं को शांत किया गया तथा यह भरोसा दिलाया गया कि उनकी समस्याओं का हल निकाला जाएगा। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि स्थानीय निकाय क्षेत्र के जिन नागरिकों को पिछड़े वर्ग की आबादी के संबन्ध में शिकायतें हैं वे हलफनामा के साथ तथ्यपरक प्रत्यावेदन दें। उनकी शिकायतों का उचित निराकरण किया जाएगा।
जिलाधिकारी रमेश रंजन ने आयोग को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाएगा। बैठक से पहले आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों द्वारा एक प्रेस वार्ता भी आयोजित की गई थी, जिसमें पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए गए। इस दौरान पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल, एडीएम वित्त/राजस्व देवी दयाल वर्मा, एसडीएम मो0 जफर, सहित समस्त नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी उपस्थित रहे।