दैनिक भास्कर व्यूरो
खड्डा, कुशीनगर। सीजेएम कोर्ट के आदेश पर खड्डा पुलिस ने नगर स्थित मदरसा अशरफिया अहलेसुन्नत अनवारुल ओलूम के प्रधानाचार्य, पूर्व प्रबंधक, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और लिपिक सहित चार लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी गमन का मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।खड्डा पुलिस की इस कार्यवाही से पूर्व प्रवंधतंत्र मे अफरातफरी मची हुई है। बताते चले कि मदरसा के प्रबंधक सोहराब अली ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर बताया था कि वह मदरसे के वर्तमान प्रबंधक हैं।
मदरसे में सहायक अध्यापक अब्दुल सत्तार को 20 नवंबर 2012 को अनियमितता के आरोप में तत्कालीन प्रबंध समिति ने निलंबित कर दिया था तथा आरोप के सत्य पाये जाने पर सेवा समाप्त कर दी गई थी।2015 मे पुनःवहाल कर दिया था।
अव्दुल सत्तार पर आरोप यह है कि अब्दुल सत्तार ने प्रधानाचार्य ओवैस अहमद व पूर्व प्रबंधक अफजल हुसैन को प्रभाव में लेकर फर्जी प्रमाणपत्र को सही बता बहाली करा ली और 26 नवंबर 2013 से 11 जून 2015 तक का लगभग 13 लाख का वेतन बिल फर्जी तरीके से तैयार करके अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के कार्यालय के लिपिक के सहयोग से भुगतान करा लिया था। जिसको सोहराब अली ने खड्डा पुलिस से मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।
लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।इस मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने खड्डा पुलिस को आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इसके अनुपालन में खड्डा पुलिस ने अब्दुल सत्तार, प्रधानाचार्य ओवैस अहमद, पूर्व प्रबंधक अफजल हुसैन, लिपिक इसमोहम्मद के विरुद्ध धोखाधड़ी, गबन, कूटरचना सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए विवेचना शुरू कर दी है। इस संबंध में मुकदमे के विवेचक एसआई पीके सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर प्रधानाचार्य, पूर्व प्रबंधक, लिपिक अब्दुल सत्तार सहित चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।