
खड्डा, कुशीनगर: छितौनी बांध के वीरभार ठोकर व भैसहा गांव के सामने स्पर-सी पर चल रहे निर्माण कार्य को गंभीर संकट पैदा हो गया है। वहीं, दूसरी ओर तमकुहीराज तहसील क्षेत्र स्थित एपी बांध पर गंडक का दबाव बढ़ गया है। छितौनी बांध के स्पर-सी के अपस्ट्रीम पर बाढ़ सुरक्षा के लिए कराए गए कार्य रात के समय से लांच होने लगे हैं।
बताते चलें कि छितौनी बांध पर बने स्पर-सी पर नदी 90 अंश पर टकराकर बैकरोलिंग करते हुए पूरब की ओर मुड़ जाती है। इसलिए यह ठोकर ग्रामीणों और बाढ़ खंड के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसे देखते हुए हाई लेवल कमेटी ने इसकी सुरक्षा के लिए प्रस्ताव स्वीकृत कर सरकार को भेजा था, जिसे सरकार ने मंजूरी देकर धन उपलब्ध कराया।
कार्य शुरू होने पर स्पर के अपस्ट्रीम में पांच लेयर बोल्डर की जाली बनाई जानी थी, लेकिन ठेकेदार ने मात्र तीन लेयर की जाली का ही निर्माण कराया। मजदूरों के अनुसार, जेई लगातार ठेकेदार से पांच लेयर जाली डालने को कहते रहे, लेकिन ठेकेदार ने अनसुना कर दिया। कारण यह बताया गया कि ठेकेदार खुद को बाढ़ खंड के किसी बड़े अभियंता का रिश्तेदार बताता था, जिससे छोटे अधिकारी कुछ कह नहीं पाते थे।
इतना संवेदनशील कार्य वह धीमी गति से करता रहा और बाढ़ आने का इंतजार करता रहा ताकि अधूरे कार्य को पूरा दिखाकर पूरा भुगतान लिया जा सके।
सूत्रों के अनुसार, निर्माण कार्य में देरी और रात के समय जल्दबाजी में किए गए लांच कार्य ने बांध की संरचना को कमजोर करने का जोखिम पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कार्य को निर्धारित समय और मानकों के अनुसार पूरा नहीं किया गया तो ठोकर पर दबाव बढ़ सकता है।
स्थानीय लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि समय पर कार्य पूरा न होने और रात में जल्दबाजी में किए गए लांच कार्य से न केवल बांध की सुरक्षा को खतरा है, बल्कि आसपास के गांवों और खेतों को भी नुकसान हो सकता है।
प्रशासन की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि संबंधित विभाग इस मामले की जांच कर रहा है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि बांध की संरचना को खतरे से बचाने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएं।
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