-शिक्षित समाज के निर्माण में शिक्षक अहम कड़ी: गंगेश्वर
भास्कर ब्यूरो
हाटा,कुशीनगर। विद्यालय शिक्षा का मंदिर होता है। यहां दी जाने वाली शिक्षा से ही छात्रों के व्यक्तित्व का निर्माण होता है। यहां दी जाने वाली शिक्षा यदि अनुशासित व संस्कारिक नहीं है समग्र व्यक्तित्व का निर्माण नहीं हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति के जीवन में अनुशासित शिक्षा की भूमिका अहम है।उक्त् बातें बुधवार को नगर के संलग्न प्राथमिक श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए श्री गांघी स्मारक इंटर कालेज के प्रधानाचार्य नागेश्वरपति त्रिपाठी ने कही। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का जीवन तभी सफल है यदि वह शिक्षित है। अशिक्षित व्यक्ति पशु के समान है। शिक्षा व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। इस बात को शिक्षित समाज ही समझता है। अशिक्षित व्यक्ति इस अधिकार को नहीं समझ पा रहा है। इसके लिए शिक्षित समाज को आगे आकर उन्हें जागरुक करना होगा जिससे कि वे अपने पाल्यों को शिक्षा का अधिकार दे सकें। यदि ऐसा हुआ तो हमारा समाज एक सभ्य समाज बन पायेगा।विशिष्ट अतिथि उपस्थित महाविद्यालय प्रबन्ध समिति के मंत्री गंगेश्वर पाण्डेय ने कहा कि शिक्षित व सभ्य समाज के निर्माण में शिक्षक अहम कड़ी है। शिक्षक एक कुम्हार की भूमिका में होता है। उसके छात्र कुम्हार के मिट्टी के लोआ हैं। कुम्हार अपने उस मिट्टी के लोऐ को जो आकृति देता है वे वैसे ही बन जाते हैं। इसी तरह से शिक्षक भी अपने छात्ररुपी लोऐ को जो आकृति प्रदान करेगा छात्र भी वही आकृति प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने छात्रों के अन्दर अपना सारा ज्ञान प्रदान करने की पूरी कोशिश करता है। शिक्षक तभी ज्ञान देने में पूर्णरुप से सफल हो पायेगा जब छात्र का परिवार अपनी सही भूमिका निभायेगा। समारोह को प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष एडवोकेट जयप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि विद्यालय की महत्ता उसकी खुबसूरत इमारतों से नहीं बल्कि वहां दी जाने वाली शिक्षा से परिलक्षित होती है। विद्यालयों का यह कर्तव्य है बनता है वे अपने संस्कारयुक्त व अनुशासित शिक्षा दें। प्रबन्ध समिति के प्रबन्धक अग्निवेश मणि ने कहा कि महाविद्यालय प्रबन्धन शिक्षा के उत्थान में संसाधनों की कमी नहीं होने देगा। प्रबन्धन का यह प्रयास है कि यह विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई प्राप्त करे। आगन्तुकों के प्रति आभार प्राचार्य डा़ राजेश कुमार चतुर्वेदी ने व्यक्त किया जबिक संचालन संलग्न प्राथमिक के शिक्षक संजय पाण्डेय ने किया।समारोह में विद्यालय के छात्र_छात्राओं ने देशभक्ति,सामाजिक बुराई, दहेजरुपी कुरीति व लिंगभेद पर अपनी मनमोहक प्रस्तुति दे उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।इस दौरान मोहन पाण्डेय,विनय कुमार मणि,रामानुज द्विवेदी,संजय दूबे,रामगोविन्द मणि,विनोद मणि,जयगोविन्द मणि,श्रुतिश्वर शुक्ला,राधेश्याम पाण्डेय,श्यामनारायन पाण्डेय,अवधेश सिंह,विनोद मिश्रा, पवन शुक्ला,मिथिलेश चौरसिया,दिनेश भारद्वाज,रीता त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।