कुशीनगर: बालू खनन का टेंडर नहीं, माफियाओं की पौ-बारह, एसडीएम ने कार्रवाई का दिया आश्वासन

  • एसडीएम ने अनभिज्ञता जतायी, कार्रवाई का दिया भरोसा

खड्डा, कुशीनगर। नारायणी नदी किनारे वसे गांव भैसहां, वीरभार ठोकर,नौतार गांव, पनियहवा के समीप रेता क्षेत्र से प्रशासन द्वारा बालू खनन का कोई टेन्डर नहीं किये जाने के बावजूद रात के अंधेरे में अवैध बालू खनन करने वाले माफिया अवैध खनन कराने में मशगूल हैं । जिसकी भनक प्रशासन को नहीं लग सकी है।

बताते चले कि प्रत्येक वर्ष नारायणी नदी में पानी कम होने पर अवैध बालू खनन कराने वाले माफिया जिम्मेदारो को मिला कर नारायणी नदी से बालू का खनन करा कर सैकड़ों ट्रालियां पड़ोसी जनपद महराजगंज के सीमावर्ती गांवों में मंहगे दामों पर बेच कर मोटी कमाई करते चले आ रहे हैं। इस बर्ष भी नारायणी नदी में पानी कम होने पर बालू खनन कराने वाले माफिया नारायणी नदी के ठोकर नं 3, 4, वीरवार ठोकर, छितौनी वगहां रेलपुल से पूरव रेता क्षेत्र से रात के अंधेरे में सैकड़ों ट्रालियां अवैध बालू खनन की निकाल कर मंहगे दामों पर वेचने लगे हैं, जिससे लोग मंहगे दामों पर वालू खरीदने को मजबूर हैं। इस अवैध कार्य से सरकार की छवि वने या बिगड़े इन्हें कोई मतलब नहीं है।

रात के अधेरे में अवैध बालू लदी ट्रालियों के चलने से बंधे की सूरत बिगाड़ के रख दी है। ट्रालियों के चलने से तथा नदी से बंधे पर चढ़ते समय ठोकर की मिट्टी कट के बह गई है जिससे ठोकर कमजोर हो गया है और बाढ़ आने की दशा में ठोकर कमजोर होने लगा है बाढ़ खंड यह सब कुछ जानकार अनजान बना हुआ है या यह कहे की बाढ़ खंड की मिली भगत से बंधे के समीप से बालू का अवैध खनन हो रहा है।

यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है। यह खनन ठोकर नं3, 4 भैसहा गांव के समीप, लक्ष्मी पुर के समीप बीरभार ठोकर, और छितौनी बगहा रेलपुल से पूरव करमहवा मौजे से अवैध बालू खनन जोरों से चालू है लेकिन रात होने के कारण प्रशासन की इस पर नजर नहीं पड़ रही है। इस संबंध में उप जिलाधिकारी खड्डा मुहम्मद जफर का कहना है कि अभी मेरे सज्ञान में मामला नही आया है ऐसा हो रहा है तो खनन अधिकारी को बोलकर तत्काल में इस पर कार्रवाई करवा रहा हूं।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

महाकुम्भ में बना एक और महारिकॉर्ड योगी सरकार ने महाकुंभ के दौरान सबसे बड़े सफाई अभियान का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। CM Yogi : ‘हैरिंग्टनगंज’ नहीं ‘विष्णु नगर’ नाम बोले इस प्यार को क्या नाम दूं… फारुक अब्दुल्ला ने किए माता वैष्णो देवी के दर्शन