दैनिक भास्कर ब्यूरो
कुशीनगर। नेबुआ नौरंगिया जिले रामकोला थानां क्षेत्र अंतर्गत सिगहा के निकट दामोदरी पुल के पास मुख्य पश्चिमी गंडक नहर में देर रात स्विफ्ट डिजायर कार के डूब जाने से दो युवकों की डूबने से मौत हो गयी है। जबकि एक युवक नहर के गहरे पानी मे डूबने से लापता है। जबकि चौथे युवक कार का शीशा तोड़कर सुरक्षित बाहर निकलने में सफल हो गया। घटना के बाद मृत युवकों व लापता युवक के परिजनों में कोहराम मच गया है। प्रशासन के चौकस व संवेदनशील होने का असर है कि तीसरे लापता युवक टी तलाश में एनडीआरएफ की टीमें गंडक नहर में लगी हुई हैं।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार देर रात 12 बजे नेबुआ नौरंगिया थाना के भूमिहारी पट्टी गांव के नौगावां गांव निवासी भीम सिंह के बहन का गोरखपुर मे निजी अस्पताल मे बच्चे का पैदाइश था, जहां देख कर अपने मित्र बभनौली निवासी मनोज यादव, बंधवा गांव के गुड्डू व सुबोध मणि को साथ लौट रहे थे,जहां रात को लौटते समय कार नहर मे गिरने से गुडडू व मनोज की मौत हो गई और तीसरा मित्र भीम अभी भी पानी मे लापता है।
एक युवक कार का शीशा तोड़कर सुरक्षित बाहर निकलने में सफल
जबकि चौथा मित्र शीशा तोडकर बाहर निकल गया,जिसका इलाज रामकोला अस्पताल से चल रहा है।घटना के बाद मनोज की मां रमावती , पिता दूधनाथ, पत्नी सीमा व गुडडू की पत्नी रीता देवी व भीम के पिता विरेन्द्र सिंह के साथ भीम की माँ व बहन रोती बिलखती घटना स्थल पर पहुची पहुंचीं। उनके साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों का भी रो-रोकर बुरा हाल था।परिवार के सदस्यों ने बताया कि सभी हसमुख थे उन्हें क्या पता कि अगले ही दिन दोनों के पति उनसे दूर हो जाएंगे। परिवार के सदस्यो ने बताया कि दो मौत व एक व्यक्ति लापता होने से दुखों का पहाड़ टूट गया है। घटना सी सूचना पर एसडीएम सदर महात्मा सिंह मातहतों के साथ लापता युवक की तलाश करने में जुटे हुए हैं।
नशे की जिद ने ली जान
नौरंगिया दामोदरी के पास नहर कार हादसे में जिंदा बचे सुबोध मणि ने बताया कि शाम चार बजे गुड्डू घर पहुंचे और उन्हें अपने साथ बैठा कर बभनौली गांव निवासी मनोज यादव को साथ लेकर एक ही बाईक से तीनों मित्र मनोज की ससुराल घुघली गये। वहां भोजन करने के बाद तीनों लोग देर रात मनोज के घर वापस लौट आए। मनोज को घर छोड़ कर जाने की तैयारी में लगे थे कि भीम सिंह कार से पहुंचे और चौराहे पर चल कर सिगरेट पीने की जिद्द करने लगे।
एनडीआरएफ की टीम लापता युवक की तलाश में जुटी
वहीं सुबोध ने बताया कि अधिक रात होने का हवाला देकर नहीं जाने की बात करने पर भी नहीं माने। मजबूर हो हम तीनों मित्र कार से बभनौली चौराहे पर आये। लेकिन कोई दुकान नहीं खुलीं थी। चौराहे पर भी कहा कि आप घर लौट जाइए हम लोग घर चले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चलिए सिंगहा दुकान खुली होगी, सिगरेट लेने के बाद अभी घर छोड़ दूंगा। वहां से हम सभी सिंगहा के लिए निकले की कार नहर में गिर गई। किसी तरह से हम शीशा तोड़कर बाहर निकले। लेकिन तीनों मित्र गाड़ी के अंदर फंसे रहे।