दैनिक भास्कर ब्यूरो
खड्डा, कुशीनगर। तहसील क्षेत्र के ग्रामसभा महादेवा में इस वर्ष आने वाली बाढ़ में गांव के कटने की पूरी संभावना दिखाई देने लगी है। जिसको लेकर उपजिलाधिकारी उपमा पांडेय ने बाढ़ खंड के अधिकारियों को निर्देशित किया था कि गांव को बचाने के लिए परियोजना पर शीघ्र कार्य प्रारंभ करा दी जाएं। लेकिन बाढ़ खंड द्वारा परियोजना शुरू नहीं हुई थी जिसको लेकर भास्कर ने 15मई के अंक मे “परियोजना स्वीकृत फिर भी शुरू नहीं हो सका बाढ़ बचाव कार्य” को प्रमुखता से छापा था। जिसका असर यह रहा कि बाढ़ खंड ने नदी के कटान से गांव को बचाने के लिए नारायणी नदी में वाढ वचाव कार्य (परकोपाइन) डालना शुरू कर दिया है।
गांव बचाने के लिए नारायणी नदी में मरम्मत का कार्य कराता बाढ़ खंड
उल्खनीय है कि पिछले वर्ष आई बाढ़ ने कटान करते-करते महादेवा गांव के समीप पहुंच गई थी। गांव को बचाने के लिए प्रशासन को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा था। प्रशासनिक अधिकारियों की सूझ-बूझ का ही परिणाम रहा कि पिछले वर्ष गांव तो कटने से बच गया, लेकिन इस बार वर्ष बाढ़ खत्म होने के बाद गांव को बचाने की दिशा में कोई कार्य नहीं कराया जा रहा था।और आये दिन कटान शुरू हो जा रही है। अभी भी दर्जनों एकड़ भूमि पानी में गिर चुकी है। नदी गांव के समीप से वह रही है।
बाढ़ खंड ने नारायणी नदी में वाढ वचाव कार्य (परकोपाइन) डालना किया शुरू
बाढ़ आने से पूर्व उप जिलाधिकारी खड्डा उपमा पांडेय ने महादेवा गांव का निरीक्षण बाढ़ खंड एसडीओ के साथ विगत दिनों किया था और शीघ्र कार्य को प्रारंभ कराने का निर्देश दिया था, लेकिन परियोजना स्वीकृत होने के बाद भी बाढ़ खंड द्वारा अभी तक कोई कार्य नहीं कराया जा रहा था। इस खबर को भास्कर ने 15 मई के अंक में प्रकाशित किया था। जिससे नींद से जागा बाढ़ खण्ड ने शुक्रवार से बाढ़ बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया है।इस संबंध में एसडीओ मनोरंजन कुमार का कहना है कि महादेवा गांव को बाढ़ से बचाने के लिए स्वीकृत परियोजना शुरू कर दी गई है। गांव को कटने नहीं दिया जाएगा।