कुशीनगर : उजियार में है भोजपुरी कहानी को समृद्ध करने की संभावनाएं-शिक्षाविदों

भास्कर ब्यूरो

कसया, कुशीनगर। स्थानीय बुद्ध पीजी कालेज कुशीनगर के बुद्धा हाल में रविवार को भोजपुरी संगम गोरखपुर व सृजन सुधा कुशीनगर द्वारा आयोजित समारोह में साहित्यकार रामनरेश शर्मा के भोजपुरी संग्रह का विमोचन प्रो. रामदेव शुक्ल व शिक्षाविदों ने किया।
उजियार पुस्तक के सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त करते हुए आलोचक, कहानीकार व उपन्यासकार व पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग गोरखपुर विश्वविद्यालय आचार्य रामदेव शुक्ल ने कहा कि उजियार कहानी संग्रह मे भोजपुरी कहानी को समृद्ध करने की संभावनाएं दिख रही हैं।

उन्होंने कहा कि आजकल प्रत्येक लेखक को छपने की बीमारी हो गयी है। कुछ भी छपवाने के पूर्व कई बार विचार करना चाहिए और यदि रचना साहित्य में कुछ नया जोड़ नही रही है तों उसे नहीं छपवाना चाहिए। बीपीजी हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रो. डा. तिवारी ने कहा कि उजियार पुस्तक में भोजपुरी की महक व हरियाली है। इसकी भाषा सहज व प्रवाह मान है। भोजपुरी में कविताएं तो बहुत लिखी जा रही हैं लेकिन गद्य लेखन का अभाव है। जिसकी यह पुस्तक पूरी करती है।

अध्यक्षता करते हुए पूर्व प्राचार्य डा. अमृतांशु शुक्ला ने कहा कि किसी भी रचनाकार को उसके आस पास की परिस्थितियां व विचार उसे उद्वेलित करती है। तभी वह कुछ लिखता है। उजियार कहानी संग्रह में भोजपुरी समाज के प्रति संवेदनशीलता और उसके विविध पहलुओं को उजागर करती है। लेखक श्री शर्मा ने अपनी पुस्तक की दो कहानियां पढ़ी। जिसमें अश्पृश्य परिवार के युवक के जीवन में आये बदलाव की कथा रही। ख्यातिलब्ध साहित्यकार चन्देश्वर परवाना ने उजियार पुस्तक में भोजपुरी गद्य की बेहतर रचना बताया।

भोजपुरी संगम के ई. राजेश्वर सिंह, डा. संजय कुमार ने अपने विचार रखे। आभार आयोजन समिति के हृदया नन्द शर्मा व संचालन अवधेश नन्द ने किया। इस अवसर पर अभिमन्यु पाण्डेय, डॉ बीना, टीएन त्रिपाठी, ज्योति शंकर पाण्डेय, आरके भट्ट, जय कृष्ण शुक्ला, रजनीकांत, तोम्र ध्वज सिंह, एड नरेंद्र शर्मा, अरुण शर्मा, संतोष संगम, हरिओम मिश्रा, केशव पाठक, प्रेम प्रकाश दुबे, इंद्रावती देवी, विश्वनाथ ठाकुर, श्रीमती लालती देवी, अरविंद अकेला, अविनाश, ध्रुव नारायण दुबे, शोभिलाल, संजय जायसवाल आदि मौजूद रहे।

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