लखीमपुर : खेत देखने गए युवक को बाघ ने बनाया अपना निवाला, मौत- ग्रामीणों में आक्रोश किया हंगामा

दैनिक भास्कर ब्यूरो ,

बांकेगंज खीरी। दुधवा बफर जोन के मैलानी वन क्षेत्र के अंतर्गत जटपुरा बीट की ग्राम पंचायत खंजनपुर के बासुकपुर निवासी पैंतीस वर्षीय नारेन्द्र पुत्र राजाराम को बाघ ने सुबह उस समय निवाला बना लिया जब वह अपने गेंहू के खेत को देखने गया था। जानकारी मिलने पर बांकेगंज और कुकरा चौकी से पहुंचे सिपाहियों को आक्रोशित ग्रामीणों ने भगा दिया।

उसके बाद क्षेत्र के कई शिक्षित व्यक्तियों द्वारा समझाने के बाद ग्रामीण कुछ शांत हुए। उसी समय गोला क्षेत्राधिकारी प्रवीण कुमार, मैलानी इंस्पेक्टर देवेन्द्र कुमार ने अपने दलबल के साथ पहुँचकर ग्रामीणों को समझाया परंतु ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे हालांकि वन विभाग और पुलिस शाम तक ग्रामीणों को समझाने में सफल हो सकी और तब शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

मृतक नरेंद्र की पत्नी मीना देवी ने बताया कि सुबह उसका पति गेहूं के खेत को देखने के लिए गया था। जब बहुत देर तक वह घर वापस नहीं आया तो उन्हें चिंता हुई इसी बीच गांव के कुछ लोगों ने गांव के निकट बाघ देखे जाने की चर्चा की। इससे वे गांव के कुछ अन्य लोगों के साथ खेत की तरफ गई वहां अवनीश पुत्र मिहीलाल के गन्ने के खेत में हलचल मालूम हुई।

जब गन्ने के खेत में घुसकर देखा गया तो बाघ नरेंद्र के ऊपर बैठा हुआ था। इससे ग्रामीण गन्ने के बाहर शोर मचाते हुए निकले। शोर सुनकर गांव के अन्य लोग भी लाठी डंडा लेकर पहुंच गए। तब जाकर बाघ गन्ने के अंदर चला गया। ग्रामीणों ने बताया कि नरेंद्र सुबह खेत देखकर आता था और फिर मजदूरी करने के लिए चला जाता था। खुद का खेत न होने के कारण वह खेती किसानी भी ठेका बटाई पर लेकर करता था। 

ग्रामीण की मौत के बाद बांकेगंज और कुकरा चौकी इंचार्ज के अपने सिपाहियों के पहुंचने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें वहां से भगा दिया उसके बाद गोला क्षेत्र अधिकारी प्रवीण कुमार मैलानी इंस्पेक्टर देवेंद्र कुमार अपने दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे तथा ग्रामीणों को कानूनी प्रक्रिया पूरी कराने के लिए समझाया। क्षेत्र के अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी ग्रामीणों को समझाया उसके बाद मृतक के शव को गन्ने के खेत से लाकर बाहर रखा गया परंतु वन विभाग के अधिकारियों को न देखकर ग्रामीणों ने उन्हें शव ले जाने से मना कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि बाघ पिछले कई दिनों से क्षेत्र में देखा जा रहा है।

वन विभाग को जब इसकी सूचना दी जाती है तो वे किसी अन्य वन्य जीव के होने की बात कह कर टाल देते हैं। जब बाघ ने ग्रामीण को निवाला बना लिया है तब वे मौके पर भी नहीं आ रहे हैं। खेती किसानी करते हैं तो उसे देखने के लिए भी खेतों में जाना आवश्यक है। बाघ गन्ने के खेतों में अपना डेरा जमाए हुए हैं। ऐसे में जब तक वनाधिकारी बाघ को यहां से नहीं हटाते हैं तब तक हम शव को नहीं ले जाने देंगे। उसके बाद मैलानी रेंजर अनिल सिंह लगभग 2:15 पर घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने मौजूद लोगों को आश्वासन दिया कि पिंजरा आज ही मंगवा कर लगाया जाएगा।

सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाएंगे। बाघ को पड़कर जंगल में छुड़वाया जाएगा। जब उनसे स्थाई उपाय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने शासन को जंगल के किनारे 18 किलोमीटर तक जाल लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव स्वीकृत हो जाने के बाद जंगल के किनारे जाल लगवाया जाएगा। 

मृतक नारेंद्र के तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा पुष्कर 15 वर्ष छोटा बेटा अंकुश 12 वर्ष तथा पुत्री गंगोत्री 4 वर्ष की हैं। मीना ने अपने मांग पत्र में बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्चा तथा परिवार के लिए एक प्रधानमंत्री आवास तथा 25 लाख रुपए और एक बच्चे को सरकारी नौकरी की मांग की है मीना देवी ने कहा कि पति नारेंद्र मजदूरी करके मेरे बच्चों सहित मेरे परिवार का भरण पोषण करता था। अब मेरे तथा मेरे बच्चों की जीविका प्रबंध कौन करेगा। शासन को मेरे परिवार का भरण पोषण एवं जीविका चलाने के लिए ततकाल सहायता राशि दी जानी चाहिए।              

घटनास्थल पर एसडीओ साकिब खान, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, मैलानी रेंजर अनिल सिंह, प्रधान जनक यादव, भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष बलकार सिंह, प्रदेश महासचिव अमनदीप सिंह संधू, कुकरा प्रधानपति ,पूर्व प्रधान फजलु ररहमान अंसारी, सहित हजारों की संख्या में भीड़ मौजूद रही।

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