लखीमपुर खीरी। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह एडीएम संजय कुमार सिंह के संग क्रमश तहसील गोला व ब्लॉक कुंभी के बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति लिमिटेड लि. अमीरनगर व तहसील, ब्लॉक मोहम्मदी के ग्राम रेहरिया पहुंचे, जहां उन्होंने चौपाल लगाकर आसपास के ग्रामो के किसानों को पराली जलाने के नुकसान बताएं, पराली ना जलाए जाने में सहयोग मांगा।
डीएम ने किसानों को बाटे डी कंपोजर
फसल अवशेष प्रबंधन कृषक जागरूकता चौपाल की अध्यक्षता करते हुए डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि एनजीटी व मा. न्यायालय के निर्देश पर उच्चस्तर से पराली जलाने की घटनाओं को सेटेलाइट से मॉनिटर किया जा रहा। इसलिए कोई भी किसान फसल अवशेष कदापि ना जलाएं, अन्यथा प्रशासन को कार्यवाही के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उन्होंने किसानों को फसल अवशेष न जलाने का संकल्प दिलाते हुए आसपास के ग्रामीणों व किसानों को इस संदेश व संकल्प को प्रसारित करने की बात कही।
फसल अवशेष ना जलाकर करे प्रशासन का सहयोग
डीएम ने कहा कि किसानभाई फसल अवशेष को निकटवर्ती गो आश्रय स्थल भिजवाए। पराली की घटनाओं को पूर्णतया अंकुश लगाने के लिए प्रशासन का सहयोग करें। फसल कटाई के दौरान प्रयोग की जाने वाली कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर अथवा अन्य कोई फसल अवशेष प्रबन्धन यन्त्र का उपयोग किया जाना जरूरी होगा। उक्त व्यवस्था बिना कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई न करने पाये।
डीएम ने ग्राम अमीरनगर, रेहरिया में लगाई चौपाल, किया जागरूक, फसल अवशेष ना जलाने का दिलाया संकल्प
वहीं यदि कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रारेक एवं बेलर या अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन यन्त्रों के बगैर चलते हुयी मिली तो उसको तत्काल सीज करते हुये कम्बाइन स्वामी के स्वयं के खर्च पर सुपर स्ट्रा- मैनेजमेन्ट सिस्टम लगवाकर ही छोड़ा जायेगा।डीएम ने कहा कि लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षक अपने क्षेत्र के ग्रामीणों को पराली के दुष्प्रभाव बताते हुए जागरूक करे। प्रयास करें कि किसी भी गांव में पराली जलाने की घटना ना हो इसे सुनिश्चित कराए।
इनकी रही मौजूदगी
चौपाल में उप कृषि निदेशक अरविंद मोहन मिश्रा, डीसी मनरेगा विपिन कुमार चौधरी, एसडीएम गोला रत्नाकर मिश्रा, एसडीएम मोहम्मदी डॉ अवनीश कुमार, तहसीलदार विनोद कुमार गुप्ता, बीडीओ हनुमान प्रसाद मिश्र, प्रभारी निरीक्षक, सहित आसपास के गांव के प्रधान एवं संभ्रांत किसान एवं ग्रामीण मौजूद रहे।