लखीमपुर खीरी। बीते तीन दिन पूर्व सोशल मीडिया पर तत्कालीन निघासन एसडीएम राजेश कुमार के द्वारा एक शिकायतकर्ता को जेल में भेजने की धमकी देने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसको लेकर तत्कालीन एसडीएम निघासन पर कार्यवाही करते हुए निघासन पद से हटाकर गोला निघासन न्यायिक बनाया गया था और साथ मे स्पष्टीकरण मांगा था। अपने स्पष्टीकरण में तत्कालीन निघासन एसडीएम ने बताया कि बरातीलाल द्वारा धारा 76 के अन्तर्गत ग्राम खमरिया की भूमि खाता संख्या 421 गाटा संख्या 282/2 रक्बा 0-0320हे0, 463/1 रक्बा 0-433हे0, 572/1 रक्वा 0-028हे0 कुल तीन किता रक्बा 0-493हे0 संक्रमणीय किये जाने हेतु आवेदन-पत्र दिया गया था। आवेदन-पत्र के साथ आवंटन की पुष्टि के सम्बन्ध में कोई साक्ष्य नहीं दिये गये थे जिसके बाद तहसीलदार निघासन से जॉच करायी गयी थी।
पूर्व आख्या दिनॉक 05-07-2023 स्पष्ट न होने के कारण तहसीलदार निघासन से पुनः जॉच आख्या प्राप्त की गयी। तहसीलदार निघासन द्वारा दिनॉक 18-09-2023 को आख्या प्रस्तुत की गयी जिसमें यह अंकित किया गया था कि उक्त ग्राम की आवंटन पत्रावली उपलब्ध नहीं है किन्तु आवंटन रजिस्टर के कमॉक 37 पर दिनॉक 15-06-1984 का आवंटन दर्ज है किन्तु आवंटन रजिस्टर पर आवेदक का नाम अंकित नहीं है अर्थात आवंटन रजिस्टर पर मात्र ग्राम का नाम एवं आवंटियों की संख्या दर्ज है किसी आवंटर का नाम दर्ज नहीं है और न ही किसी सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर हैं।
साथ ही साथ नामान्तरण बही (आर-6) पर भी उक्त आवंटन स्वीकृत नहीं है और उक्त पत्रावली को किसी भी न्यायालय में भेजे जाने का कोई प्रमाण भी उपलब्ध नहीं है। उक्त आख्या को स्वयं आवेदक के अधिवक्ता द्वारा देखा भी गया और दिनॉक 20-09-2023 को सुनियोजित तरीके से बरातीलाल द्वारा फर्जी इन्द्राज को संक्रमणीय किये जाने का दबाव बनाया जाने लगा। चूँकि इन्द्राज फर्जी था अतः अधोहस्ताक्षरी द्वारा फर्जी इन्द्राज होंने के कारण वादी बरातीलाल के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्यवाही किये जाने की बात कही गयी थी।
वार्ताक्रम के दौरान वादी को अधोहस्ताक्षरी द्वारा न्यायालय के प्रकरणों में स्वयं वादी द्वारा ही साक्ष्य दिये जाने की बात कही गयी है। चूँकि कार्यालय में उक्त आवंटन के सम्बन्ध में वैधता सम्बन्धी साक्ष्य यथा आवंटन पत्रावली, नामान्तरण बही तथा पट्टा अधिपत्र आदि कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है, प्रथम दृष्टया उक्त इन्द्राज संदिग्ध प्रतीत होता है। उल्लेखनीय है कि सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि वादी बरातीलाल द्वारा उक्त भूमि का मौखिक विक्रय किया जा चुका है इसी कारण से उसके द्वारा संदिग्ध इन्द्राज के आधार पर संक्रमणीय भूमिधर घोषित किये जाने का दबाव बनाया जा रहा था इसी कारण अधोहस्ताक्षरी द्वारा वार्तालाप के दौरान उक्त बात बरातीलाल से कही गयी थी एवं अन्त में वादी को समझाया गया था कि न्यायालय की कार्यवाही में वादी द्वारा ही साक्ष्य प्रस्तुत किया जाता है एवं यदि उसके पास उक्त के सम्बन्ध में कोई साक्ष्य उपलब्ध हो तो वह उसे न्यायालय में प्रस्तुत करे जिसके आधार पर निर्णय लिया जा सके। इस प्रकार अधोहस्ताक्षरी द्वारा किसी भी दूषित मन्तव्य से वादी बरातीलाल से उक्त वार्ता नहीं की गयी है।
उपजिलाधिकारी, निघासन द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त स्पष्टीकरण के सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को संयुक्त रूप से परीक्षण कर तीन दिन के अन्दर स्पष्ट अभिमत अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया है। दिनांक 22-09-2023 को जनहित एवं कार्यहित में उपजिलाधिकारी, निघासन राजेश कुमार का स्थानान्तरण करते हुए उनके स्थान पर अश्वनी कुमार सिंह को उपजिलाधिकारी निघासन बनाया गया है।