लखीमपुर खीरी : मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले की अव्यवस्थाओं को देखकर नाराज हुए अपर निर्देशक

पीएचसी ओयल और सीएचसी बेहजम के प्रभारियों को फटकारा
लखीमपुर खीरी। मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले की जमीनी हकीकत जाने के लिए अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण लखनऊ मंडल ने सीएमओ डॉ. शैलेंद्र भटनागर के साथ पीएचसी ओयल का भ्रमण किया। मेले में भारी व्यवस्थाएं देखकर नाराजगी की। उन्होंने ओयल पीएचसी के प्रभारी  डॉ. रवि अवस्थी सहित बेहजम सीएचसी प्रभारी डॉ. अनिल वर्मा को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं का शासन की मंशा के अनुरूप पालन होना चाहिए, सिर्फ खानापूर्ति के लिए स्वास्थ्य मेलों का आयोजन नहीं होता है। करीब 9:30 बजे अपर निदेशक लखनऊ मंडल डॉ. जीएस बाजपेई ओयल पीएचसी पहुंचे थे, जहां सिर्फ एक या दो मरीज ही उन्हें दिखे, ट्रामा में सिर्फ एक मरीज भर्ती था। जिसे पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही थीं। ऐसे में उन्होंने फटकार लगाते हुए व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए, साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रामा और पीएचसी पास-पास हैं। ऐसे में इन्हें एक कर दिया जाए। जिससे सरकारी धन का सदुपयोग किया जा सके और सेवाओं को बेहतर किया जा सके। 
इसके बाद अपर निदेशक डॉ. जीएस बाजपेई पीएचसी सिकंदराबाद पहुंचे, जहां उन्होंने 18 तारीख को होने वाले अमृत महोत्सव के उपलक्ष में स्वास्थ्य मेले की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक छत के नीचे स्वास्थ्य सहित तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ इस मेले के अंतर्गत दिया जाना है। ऐसे में किसी भी तरह की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि शासन की मंशा के अनुरूप काम करें अन्यथा की स्थिति में विभागीय कार्यवाही के लिए भी तैयार रहें।

एसीएमओ को मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के निरीक्षण में मिली खामियां
एसीएमओ डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने सीएचसी बिजुआ के अंतर्गत भीरा पीएचसी पर चल रहे मुख्यमंत्री जनआरोग्य मेले का भ्रमण किया। इस दौरान वहां पर मिली खामियों को देखकर उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की। 12 बजे तक एएनएम ने सिर्फ एक डोज कोविड वैक्सीन लगाई थी, आशाओं द्वारा मेले का प्रचार नहीं किया गया था। सुपरवाइजर राजकुमार श्रीवास्तव द्वारा सुपर विजन नहीं किया गया था। मेले में 6 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, जिनमें ऑप्टोमेट्रिस्ट शिवम पाल सिंह अनुपस्थित थे। आयुष चिकित्सक के पास दवाएं नहीं थी। गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण भी नहीं हो रहा था न ही इसके लिए प्रचार किया गया था। इन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए अधीक्षक बिजुआ को निर्देश दिए गए हैं।

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