लखीमपुर खीरी। कमाई के चक्कर में कायदे कानून ताक पर रखकर कायदे कानून के पालन से बेपरवाह जिम्मेदार जिन्हें न जांच की चिंता है न अधिकारियों का डर रह गया है। जनपद में प्रधानों द्वारा मनरेगा में काम मशीनों से कराके फर्जी मास्टर रोल भरे जाने जैसे पहले भी ऐसे तमाम काम कराए गए हैं। शिकायतों को अनदेखा करके जिम्मेदार मौन बने है। इससे लेकर लोगो में नाराजगी है। कुछ मामलों में अधिकारी दिखावे के लिए कार्यवाही करके अपनी कमी छिपाने में जुटे है।
जिले की तहसील व ब्लाक पलिया क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम नगला निवासी विशाल पुत्र राज बहादुर ने बताया कि 2021/22 मे उसकी पत्नी ओमवती देवी के नाम एक प्रधान मंत्री आवास आया था उसके बाद ग्राम प्रधान श्रीराम कश्यप ने लाभार्थी को फोन किया बताया तुम्हारा नाम आवास सूची में है अगर आवास लेना है तो 20,000 रु दो। लाभार्थी द्वारा पूछे जाने पर ग्राम प्रधान ने बताया रुपए ऊपर अधिकारियों को देना पड़ता है वरना तुम्हारा नाम कट जायेगा। इस प्रकार गुमराह करके लाभार्थी से ग्राम प्रधान ने 18000 रु.ठग लिए। जब लाभार्थी ने ग्राम विकास अधिकारी से उक्त संबंध में जानकारी ली तो उन्होंने मना कर दिया बताया कोई भी अधिकारी आवास पर पैसा नही लेता। इसकी जानकारी ग्राम प्रधान को मिली जिससे ग्राम प्रधान ने नाराज होकर लाभार्थी के मजदूरी के 45 दिनों का पैसा रुकवा दिया।
पीड़ित ने खंड विकास अधिकारी पलिया को शपथ पत्र के साथ प्रार्थना पत्र देकर 18000 रुपए व 45 दिन की मजदूरी के पैसे दिलवाने की मांग की है। जब इस मामले की इसकी जानकारी लेनें के लिए ग्राम प्रधान को फोन किया गया तो उन्होंने बताया हम मीटिंग में है और फोन काट दिया।